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पटना: एलर्जी से होने वाली बीमारियों को लेकर सेमिनार का आयोजन, डॉक्टरों ने दी प्रदूषण से बचने की सलाह - एलर्जी होने के लक्षण

मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बाहरी पदार्थ के प्रति असामान्य रूप से प्रतिक्रिया करती हैं. जैसे-ड्रग एलर्जी, खाद एलर्जी, स्पर्श एलर्जी.उन्होंने कहा कि प्रदूषण को देखते हुए अस्थमा के मरीजों के लिए एक 'टिकिया' को विकसित किया गया है. जिसे लेने पर एलर्जी अस्थमा होने की संभावना न के बराबर हो जाएगी.

पटना में एलर्जी से होने वाले को बिमारियों को लेकर सेमिनार का आयोजन

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Published : Sep 15, 2019, 5:35 PM IST

पटना:एलर्जी से होने वाली बीमारियों को लेकर राजधानी के एक होटल में सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें देश के सभी प्रांतों से आए हुए प्रसिद्ध चिकित्सकों ने भाग लिया. जहां सभी डॉक्टरों ने एक स्वर में एलर्जी के लिए मुख्य रूप से प्रदूषण को प्रमुख कारण बताया.

'सावधानी ही सुरक्षा'
इस दौरान दिल्ली से आए हुए डॉ.एनके अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान परिवेश में सावधानी ही सुरक्षा है. वायु हर व्यक्ति के लिए अहम है. लेकिन इसको प्रदूषित करने के लिए हमलोग ही जिम्मेदार हैं. आज हो रही विभिन्न बीमारियां केवल वायु प्रदूषण के कारण हो रही है. इसलिए वायु को प्रदूषण मुक्त रखना हमलोगों की जिम्मेदारी है.

एलर्जी से होने वाली बीमारियों को लेकर सेमिनार का आयोजन

अस्थमा मरीजों के लिए विकसित की गई है 'टिकिया'
इस दौरान विभिन्न डॉक्टरों ने वायु प्रदूषण से बचने के कई टिप्स दिए. डॉक्टरों का कहना था कि मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बाहरी पदार्थ के प्रति असामान्य रूप से प्रतिक्रिया करती है. जैसे- ड्रग एलर्जी, खाद एलर्जी, स्पर्श एलर्जी. उन्होंने कहा कि प्रदूषण को देखते हुए अस्थमा के मरीजों के लिए एक 'टिकिया' विकसित की गई है. जिसे लेने पर एलर्जी अस्थमा होने की संभावना न के बराबर हो जाएगी.

सेमिनार में आए हुए लोग

गले की बीमारी से पीड़ित मरिजों की बढ़ रही तादाद
लोगों को संबोधित करते हुए डॉक्टरों ने अहम जानकारियां साझा करते हुए बताया कि प्रदूषण के कारण एलर्जी से पीड़ित मरिजों के अलावा इन दिनों नाक-कान और गले की बीमारी से पीड़ित मरिजों की तादाद बढ़ रही है. गले में खराश एवं नाक में एलर्जी से मरीज काफी परेशान होते हैं. एलर्जी रोजमर्रा के जीवन में एक परेशानी का सबब बनती जा रही है. शहर में बढ़ते प्रदूषण और इसका बचाव नहीं करने के कारण ऐसा हो रहा है.

'बचाव के लिए मुंह पर लगाएं मास्क'
प्रदूषण के कारण होने वाले एलर्जी से बचने के लिए डॉक्टरों ने बताया कि एलर्जी एक ऐसा रोग है. जो लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर सकता है. इससे होने वाले रोग कई बार बड़ी बीमारियों का रूप ले लेते हैं. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं और कभी-कभी तो इन दानों के साथ शरीर में खुजली भी मचने लगती है. इसलिए उन्होंने लोगों से घर से बाहर निकलने के समय मुंह पर मास्क लगाकर निकलने की सलाह दी.

देश के सभी प्रांतों से जुटे डॉक्टर

एलर्जी होने के लक्षण
इस रोग से पीड़ित रोगी की त्वचा में चुभन, दाने निकलना, चकत्ते पड़ना, खुजली मचना, आंखे लाल होना, नाक का बहना, घबराहट होना, बेचैनी, नाक में खुजली मचना, नाक से अधिक मात्रा में स्राव होना, खांसी अधिक हो जाना, सांस लेने में कष्ट महसूस होना, सिर में दर्द होना, आधे सिर में दर्द तथा अधिक छींके आना जैसे लक्षण उभरते हैं.

एलर्जी होने का कारण

  • एलर्जी प्रदूषण और उनलोगों को होती है, जिनके जिनके शरीर में रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है.
  • यह रोग नशीले पदार्थों का सेवन करने, हानिकारक पदार्थ पेट में चले जाने, पेट में कीड़े तथा रसायन मिले भोजन का सेवन, सौन्दर्य प्रसाधन, किसी विशेष प्रकार का भोजन खाने से भी होता है.
  • दवाईयों का अधिक प्रयोग करने के कारण भी यह रोग होने की संभावना होती है.
  • चीनी का अधिक सेवन करने से भी एलर्जी रोग हो जाता है.
  • सिन्थेटिक कपड़े पहनने तथा अत्यधिक मानसिक तनाव हो जाने के कारण भी इस रोग की संभावना बनी रहती है.

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