पटना:पाटलिपुत्र और पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में बस कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. इन क्षेत्रों को लेकर पटना जिला प्रशासन द्वारा बस ट्रक और लक्जरी गाड़ियों की जब्ती काफी पहले से शुरू हो चुकी है. सभी पकड़ी गई गाड़ियों को पटना के गांधी मैदान में खड़ा किया गया है.
इन गाड़ियों के ड्राइवर काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि यहां न तो नहाने की सुविधा है और न ही शौचालय का प्रबंध है. वहीं कई बस और ट्रक ड्राइवरों ने कहा कि यहां चुनाव के दौरान उन्हें वोट देने की भी अनुमति नहीं दी जाती है.
क्या है मुख्य समस्या
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान मतदानकर्मियों और पुलिस बल को बूथों तक भेजने के लिए पटना जिला प्रशासन बस, ट्रक और कई लक्जरी गाड़ियों की जब्ती में लगा हुआ है. इसी कड़ी में दर्जनों बस, ट्रक और लक्जरी गाड़ियों को पकड़ कर गांधी मैदान में लाया गया है. इसके साथ ही इन गाड़ियों के ड्राइवर भी यहीं मौजूद हैं. गाड़ी ड्राइवरों की शिकायत है कि गांधी मैदान में उनके रहने और शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है. सुबह-सुबह शौचालय जाने और नहाने के लिए उन्हें 20 रु. अपनी जेब से खर्च करने पड़ते हैं. वहीं कई ड्राइवरों ने बताया कि चुनाव के दौरान वह मतदान कर्मचारियों को ही इधर से उधर पहुंचाने में रह जाते हैं, जिस कारण वह वोट नहीं दे पाते. ड्राइवरों ने सरकार से मांग की है कि उनके मतदान का इंतजाम किया जाए.
इतना मिलता है मानदेय
वहीं इन पकड़ी गई गाड़ियों को जिला प्रशासन ईंधन के साथ-साथ मानदेय भी देता है. जिनमें भारी मालवाहक वाहनों को 1950 से 2470 रु प्रतिदिन, माध्यम मालवाहक वाहनों को 1300 रु प्रतिदिन, 50 सीट से ज्यादा बैठने के क्षमता वाले बसों को 2850 रु प्रतिदिन, 40 से 49 सीट तक के बसों को 2600 रु प्रतिदिन, 23 से 39 सीट वाले मिनी बस को 1950 रु प्रतिदिन, मैक्सी, सिटीराइड, टेम्पो को 1500 रु प्रतिदिन, छोटी कार को 900 रु प्रतिदिन, लक्जरी वाहनों को 1600 से 1700 रु प्रतिदिन मानदर दिया जाता है.