नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा पटना: बिहार में घोटालों की काफी लंबी फेहरिस्त है. चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला, इंटर टॉपर्स घोटाला, गर्भाशय घोटाला और भी कई ऐसे घोटाले हैं जो समय-समय पर उजागर होते हैं. सरकार कार्रवाई भी करती है लेकिन ये घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. इस बार बिहार में एक और सिक्योरिटी गार्ड घोटाले की गूंज सुनाई दी है. बीजेपी ने बिहार विधानसभा में सिक्योरिटी गार्ड के लिए निकाले गए टेंडर में घोटाले का आरोप लगाया है.
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'बिहार विधानसभा में नियुक्ति घोटाला' :नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा की माने तो सिक्योरिटी गार्ड के लिए टेंडर में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने कहा कि बहाली घोटाला लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर बिहार विधानसभा में होने जा रहा है. यह मामला बिहार विधानसभा में सुरक्षा प्रहरी से जुड़ा है. इसमें भ्रष्टाचार का नीतीश मॉडल सामने आ रहा है. टेंडर निविदा प्राप्त करने वाली एजेंसी ने ही टेंडर निविदा की शर्तों को तैयार किया है.
''इस मुद्दे को हमने 23 जून 2023 को बिहार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बहाली से जुड़ी जानकारी मांगी है. ताकि सच का पता चल सके. बिहार विधानसभा पटना के विज्ञापन संख्या एनआईटी नंबर 14/22 के माध्यम से सुरक्षा प्रहरी कि निविदा प्रकाशित हुई है. सूचना है कि निविदा की शर्तें निविदा एजेंसी ने बनाई है.'' - विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
'टेंडर की शर्तों को बदला गया' : नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि, विधानसभा सचिवालय द्वारा एजेंसी का चयन मनमाने और भेदभाव पूर्ण रूप से किया गया है. एजेंसी को कार्य आवंटन के पश्चात निविदा शर्तों में सुधार किया गया, जो नियम नहीं है. जैसे विज्ञापन में जितनी सुरक्षा राशि एजेंसी से जमा करानी थी, उसे अंतिम समय में बदलकर कम कर दिया गया. 72 लाख जमा करना था. उसे बदलकर 12 लाख कर दिया गया.
नियुक्ति घोटाले पर बीजेपी के सवाल : बीजेपी का आरोप है कि शुरुआत में 72 लाख इसलिए रखा गया कि बाकि लोग निविदा में नहीं आ सकें. लोगों को रोकने के लिए ऐसा किया गया. बीजेपी ने सरकार से सवाल पूछा कि ये अधिकार किसने दिया? इस एजेंसी को कार्य की शुरुआत से समाप्ति तक अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग समय पर भुगतान के प्रावधान की शर्तों को भी बदला गया. पूरी प्रक्रिया बदलकर एक मुश्त भुगतान करने का प्रावधान किया गया.