पटना: बिहार के किशनगंज सीमावर्ती जिले में सेटेलाइट फोन (Suspicious Satellite Phone Found In Kishanganj) मिलने के बाद एक बार फिर से प्रशासन के कान खड़े हो गए हैं. बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) ने किशनगंज से सेटेलाइट फोन जब्त किए जाने के बाद सीमावर्ती जिलों को अलर्ट और चौकन्ना रहने का निर्देश दिया है. इधर, विशेष सूत्रों से मिला जानकारी के अनुसार NIA मामले की जांच के क्रम में बीते शनिवार को कटिहार के PFI सदस्य महबूब के घर पर भी गयी थी. लेकिन महूबब अपने घर में नहीं मिला. जिसके बाद उसके घर पर पोस्टर चिपकाया गया.
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बिहार से आतंकियों का पुराना रिश्ता:दरअसल, बिहार के सीमांचल और मिथिलांचल का इलाका आतंकियों के लिए सेफ जोन बन गया है. बिहार और नेपाल के बीच ओपेन बॉर्डर होने का फायदा आतंकी और उसके संगठन उठाते रहे हैं. बिहार से आतंकियों का पुराना रिश्ता रहा हैं. इससे पहले भी राज्य से कई आतंकी बिहार से गिरफ्तार हो चुके हैं. ऐसे में संदिग्ध सेटेलाइट फोन मिलने के बाद खुफिया एजेंसी अलर्ट मोड पर है. मामले की जांच चल रही है. जांच के बाद ही संदिग्ध सेटेलाइट फोन का रहस्य खुल पाएगा.
किशनगंज से आंतकी रियाजुल की गिरफ्तारी:बिहार के किशनगंज, अररिया, फारबिसगंज और कटिहार में अल्पसंख्यक समुदाय के ज्यादा लोग रहते हैं. यहां पहले भी कई आतंकियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. किशनगंज से 17 अगस्त 2011 को हूजी के आतंकवादी व बंग्लादेश निवासी आकाश खान उर्फ रियाजुल को दबोचा गया था. उस समय उसके पास से भारत के विभिन्न शहरों के 18 बैंक अकांउट मिले थे. वह 2000 में पद्मा नदी पार कर बांग्लादेश छोड़कर भारत आया था. मुंबई के बांद्रा सहित गुजरात, श्रीनगर, दिल्ली, कोलकाता व कर्नाटक में रहने के बाद वह पश्चिम बंगाल गया. इसके बाद वह किशनगंज आ गया.
मधुबनी में आतंकी उमर का ठिकाना: इसी तरह मधुबनी जिले के बासोपट्टी स्थित बालकटवा गांव निवासी और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी उमर मदनी की गिरफ्तारी चार जून 2009 को दिल्ली के कुतुब मीनार के मुख्य द्वार से हुई थी. उसने देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी घटना को ही नहीं अंजाम दिया था, बल्कि पाकिस्तानी आतंकी मो. अजमल को भी अपने यहां ठिकाना दिया था.
अजमल मधबुनी से हुआ था गिरफ्तार:जामा मस्जिद विस्फोट के सिलसिले में दिल्ली स्पेशल ब्रांच ने मधुबनी जिले के सकरी निवासी अब्दुल गयूर जमाली को 24 नवंबर 2011 को नकली पासपोर्ट, संदिग्ध गतिविधि और जाली नोट के मामलों में सकरी के दरबार टोला से गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद टीम ने मधुबनी शहर के सिघानियां चौक स्थित एक किराए के मकान रह रहे मो. अजमल को गिरफ्तार किया था. अजमल के पाकिस्तानी आतंकी और आईएम के सदस्य होने के प्रमाण मिलने के बाद जांच एजेंसी भी दंग रह गई थी. अजमल विभिन्न चौक चौराहे पर फेरी का काम करने की बात कह मधुबनी में रह रहा था.
पाकिस्तानी आतंकी आफताब की गिरफ्तारी: दिल्ली पुलिस ने पूर्णिया जिला के जलालगढ़ थानाक्षेत्र के खाताहाट गांव में 6 दिसंबर 2011 को छापेमारी की थी. जहां से पाकिस्तान निवासी और आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य आफताब उर्फ फिरोज उर्फ फारूक उर्फ रौशन को गिरफ्तार किया था. आफताब गिरफ्तारी के दो महीने पहले नेपाल से अररिया के गेहुआं गांव पहुंचा था. इसके बाद वह पूर्णिया के खाताहाट गांव में रह रहा था.
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अफगानिस्तानी आतंकी मिर्जा खान की गिरफ्तारी: पूर्णिया रेलवे स्टेशन से 12 जनवरी 2010 को अफगानिस्तान निवासी और आतंकवादी संगठन से जुड़े मिर्जा खान को गिरफ्तार किया गया था. वह तालिबान संगठन से प्रशिक्षण लेकर नेपाल से पूर्णिया पहुंचा था. यहां से वह बांग्लादेश जाने के फिराक में था. इसके पूर्व 1994 में भी पुलिस ने जोगबनी से पाकिस्तानी मुद्रा के साथ पांच अफगानिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया था.
लश्कर-ए-तैयबा और इंडियन मुजाहिद्दीन सक्रिय: मधुबनी जिले के बासोपट्टी स्थित बालकटवा गांव निवासी उमर मदनी उर्फ उमेर समस उर्फ मदनी उर्फ मौलाना उमर उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ अकबर उर्फ साजिद पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए प्रशिक्षण लेने के बाद कई आतंकी घटना को अंजाम दिया. लेकिन, जामनत के बाद से वह फरार चल रहा है. फिलहाल वह नेपाल के सप्तरी के माहुली बाजार में अपना ठिकाना बना रखा है.
उसने इंडियन मुजाहिद्दीन के संस्थापक यासीन भटकल को 2006-07 में मिथिलांचल में सबसे पहले ठिकाना दिया था. मधुबनी के बासोपट्टी में रहने के बाद भटकल ने अपना ठिकाना दरभंगा के लहेरियासराय, सदर और मब्बी थानाक्षेत्र में बनाया था. मदनी और भटकल की दोस्ती से यह पहले ही साफ हो चुका है कि मिथिलांचल में लश्कर-ए-तैयबा और इंडियन मुजाहिद्दीन का गहरा रिश्ता है.
"आंतकियों के निशान पर अल्पसंख्यक समुदाय के युवा": रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह ने बताया कि "पिछले 4 दिन पहले जिस तरह सेदेशभर में पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने का अंतर्राष्ट्रीय साजिश रचने वालों ने एक नया प्लान तैयार किया है. आतंक के इस प्लान बी में निशाने पर पढ़े-लिखे मुस्लिम युवाओं के अलावा मीडिया भी है, जिसे जिहादी मीडिया का नाम दिया गया है. बिहार पुलिस मुख्यालय को इनपुट मिला है कि एक अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत बिहार के पढ़े-लिखे मुस्लिम युवाओं को बरगलाकर और प्रलोभन देकर इस मिशन में शामिल करने की बड़ी साजिश रची जा रही है".
उन्होंने आगे कहा कि बिहार पुलिस मुख्यालय ने प्राप्त इनपुट के आधार पर बिहार के सभी जिलों की पुलिस को अलर्ट जारी किया है. उन्होंने बताया कि आतंकियों का बिहार से पुराना रिश्ता रहा है. हाल के दो-तीन सालों में जिस तरह से बिहारी के युवा आतंकियों तक जिस तरह से हथियार पहुंचाने का मामला हो या दरभंगा पार्सल ब्लास्ट मामला हो. इससे पहले प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में बम विस्फोट हुआ था. जिससे साफ तौर पर कहा जा सकता है कि बिहार आतंकियों के लिए सेफ जोन बनता जा रहा है.