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दूसरे चरण के चुनाव में NDA की अग्निपरीक्षा, 5 में से 4 सीटों पर है महागठबंधन का कब्जा - बिहार की राजनीति

दूसरे चरण का चुनाव एनडीए के लिए चुनौतीपूर्ण होने वाला है. इसकी पीछे की वजह ये है कि जिन पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें से चार पर महागठबंधन पहले से ही काबिज है.

Second Phase election in bihar

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Published : Apr 15, 2019, 8:09 PM IST

पटना: बिहार में दूसरे चरण में 18 अप्रैल को 5 सीटों पर चुनाव होने हैं. इन सीटों पर 69 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 85 लाख से अधिक मतदाता करेंगे. एनडीए की ओर से सभी पांचों सीट पूर्णिया, भागलपुर, बांका, किशनगंज और कटिहार में जदयू के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, पूर्णियां सीट पर पहले से जदयू काबिज है. बाकी अन्य पर अभी तक महागठबंधन की सत्ता रही है.

इसके चलते दूसरे चरण का मतदान जदयू के लिए चुनौती और महागठबंधन के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई सा हो गया है. जदयू ने एक बार फिर से पूर्णिया में अपने सीटिंग सांसद संतोष कुशवाहा को मैदान में उतारा है. वहीं, कांग्रेस की ओर से हाल ही में शामिल उदय सिंह को मौका मिला है. यहां पर आमने-सामने की लड़ाई होनी तय है.

भागलपुर पर संग्राम
भागलपुर सीट को लेकर खूब चर्चा हो रही है. क्योंकि इस बार शाहनवाज हुसैन को यहां से टिकट नहीं मिला है. इस को लेकर काफी विवाद भी हुआ. पहले शाहनवाज हुसैन ने ट्वीट कर इसके लिए नीतीश कुमार को दोषी ठहराया और फिर नीतीश कुमार ने भी इस पर सफाई दी और कड़े तेवर दिखाए. यह सीट आरजेडी के पास है.

बुलो मंडल को टिकट
आरजेडी ने बुलो मंडल को एक बार फिर से चुनाव मैदान में उतारा है. जदयू की ओर से अजय मंडल चुनाव लड़ रहे हैं. भागलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा हो चुकी है.

बिहार में दूसरे चरण का मतदान

बांका लोकसभा सीट
बांका लोकसभा सीट पर पुतुल सिंह बागी तेवर अपनाते हुए चुनाव मैदान में ताल ठोक रही हैं. बीजेपी ने उन्हें बाहर भी निकाल दिया है, फिलहाल बांका सीट पर आरजेडी का कब्जा है. आरजेडी के लिए महत्वपूर्ण है. यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं.जदयू से गिरीधारी यादव यहां से चुनाव उम्मीदवार हैं.

कटिहार लोकसभा सीट
कटिहार लोकसभा सीट महत्वपूर्ण है. यहां से एनसीपी के सांसद तारिक अनवर कांग्रेस में पिछले साल शामिल हुए थे. उन्हें इस बार महागठबंधन से उम्मीदवार भी बनाया गया है. जदयू ने यहां से पूर्व मंत्री दुलाल चंद्र गोस्वामी को मैदान में उतारा है. एम-वाई समीकरण के लिहाज से कटिहार महत्वपूर्ण लोकसभा सीट माना जा रहा है.

किशनगंज में रण
अंत में मुस्लिम बहुल्य किशनगंज लोकसभा सीट में 16 लाख से अधिक मतदाता हैं. जिसमें 70% मुस्लिमों की आबादी है. इसलिए यह सीट महागठबंधन और एनडीए के लिए महत्वपूर्ण है. जदयू ने यहां से महमूद अशरफ को अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने भी नए चेहरे मोहम्मद जावेद को मौका दिया है.

जदयू का दावा
जदयू का दावा है कि दूसरे चरण की पांचों सीट पार्टी जीतेगी क्योंकि नीतीश कुमार की जनसभा में लोगों की अपार भीड़ उमड़ रही है. उम्मीदवारों को जनता का समर्थन भी मिल रहा है. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि प्रधानमंत्री ने भी जनसभा की है और उसका लाभ भी मिलेगा.

महागठबंधन के बोल
वहीं, महागठबंधन नेता भी जीत का दावा ठोक रहें हैं. हम के उपेंद्र प्रसाद का कहना है कि महागठबंधन के पक्ष में हवा चल रही है. जनता एनडीए को हराने का मन बना चुकी है.

नीतीश के लिए लिटमस टेस्ट
सीएम नीतीश कुमार के लिए बिहार में दूसरे चरण का चुनाव लिटमस टेस्ट होता जा रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि मुस्लिम बहुल्य इलाकों में सबसे ज्यादा वोट नीतीश कुमार के नाम पर मिलता है या फिर तेजस्वी के नाम पर.

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