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छठ पूजा 2020 : आज खरना से होगी 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरूआत, ये रहा विधि-विधान - छठी मईया

उत्तर भारत और खासतौर से बिहार, यूपी, झारखंड में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज छठ महापर्व का दूसरा दिन है. इस दिन को खरना के नाम से जाना जाता है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Nov 19, 2020, 4:45 AM IST

पटना: महापर्व छठ को लेकर बिहार समेत उत्तर भारत में उत्साह का माहौल है. आज से इस चार दिवसीय पर्व का दूसरा दिन है. दूसरे दिन को खरना व्रत के नाम से जाना जाता है. छठ का त्योहार व्रतियां 36 घंटों का निर्जला व्रत रखकर मनाती हैं और खरना से ही व्रतियों का निर्जला व्रत शुरू होता है.

छठ पूजा हर साल का​र्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है. दिवाली के बाद छठ पूजा, हिंदूओं का छठ सबसे बड़े त्योहार है. इस व्रत को छठ पूजा, सूर्य षष्‍ठी पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है. इस बार छठ पूजा 18 नवंबर को नहाय-खाय शरू हो चुका है. आज छठ का दूसरा दिन खरना मनाया जाएगा. आज से ही 36 घंटों का निर्जला व्रत शुरू होता है. उत्तर भारत और खासतौर से बिहार, यूपी, झारखंड में इस त्योहार का बेहद खास महत्व होता है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

दूसरा दिन : खरना
खरना का तात्पर्य शुद्धिकरण से है. छठ का व्रत करने वाले व्रती नहाय-खाय के दौरान पूरा दिन उपवास रखकर केवल एक ही समय भोजन ग्रहण करती है. ताकि शरीर से लेकर मन तक की शुद्धि हो सके. इसकी पूर्णता अगले दिन यानी खरना वाले दिन होती है.

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इस दिन व्रती साफ मन से अपने कुलदेवता और छठी माई की पूजा करके उन्हें गुड़ से बनी खीर का प्रसाद, ठेकुआ (घी, आटे से बना प्रसाद) चढ़ाती हैं. आज के दिन शाम होने पर गन्ने का जूस या गुड़ के चावल या गुड़ की खीर का प्रसाद बना कर बांटा जाता है. प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है.

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खरना का विधि-विधान

  • खरना वाले दिन विधि-विधान से रोटी और गुड़ की खीर का प्रसाद तैयार करना चाहिए.
  • खीर के अलावा पूजा के प्रसाद में केला, मूली भी रखना लाभकारी माना जाता है.
  • इस दिन मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी को जलाकर प्रसाद तैयार करना शुभ माना जाता है.
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  • भगवान गणेश और सूर्यनारायण प्रसाद के रुप में तैयार प्रसाद को चढ़ाया जाता है.
  • इस दिन प्रसाद के लिए छठ व्रतिया किसी को बुलाएं नहीं, बल्कि खुद घर-घर जाकर प्रसाद पहुंचाए.
  • खरना और छठ पर्व के दौरान घर के सदस्यों को मांस-मदिरा का सेवन नही करना चाहिए.
  • रात को भी घर के सदस्य छना हुआ खाना ही खाएं.
  • व्रत रखने वाली महिला या पुरुष को जमीन पर सोना चाहिए.
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खरना का समय

कार्तिक शुक्ल: पंचमी तिथि

तारीख : 19 नवंबर बुधवार

सूर्योदय: सुबह 06:47 बजे

सूर्योस्त : शाम 05:26 बजे

नहाय-खाय के बाद खरना किया जाता है. खरना के बाद छठ पूजा (संध्या अर्घ्य) के बारे में कल विस्तार से खबर प्रकाशित की जाएगी. डाउनलोड करें हमारा वीडियो बेस न्यूज ऐप. खबरों के लिए बने रहें ईटीवी भारत के साथ. छठ महापर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.

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