पटना: बिहार में एनडीए का महागठबंधन से मुकाबला है. लोकसभा के 40 सीटों पर इनकी नजर है. पिछली बार एनडीए ने 39 सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार समीकरण बदला हुआ है. पिछली बार के साथी नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़ दिया है. फिलहाल बिहार में एनडीए में पांच दल शामिल हैं. इनमें बीजेपी के अलावा उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी, पशुपति पारस और चिराग पासवान की पार्टी है. सीट शेयरिंग को लेकर तमाम नेता अमित शाह से मुलाकात कर रहे हैं.
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चिराग-पारस विवाद से भाजपा असहजः पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी दिल्ली में हैं. शुक्रवार को उन्होंने अमित शाह से मुलाकात की है. इससे कुछ दिन ही पहले उपेंद्र कुशवाहा ने भी केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की थी. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के लिए बिहार में चिराग पासवान और पशुपति पारस की दूरियां परेशानी का सबब बन सकती है. दोनों के बीच दूरियां बढ़ चुकी है. दोनों ही दल 2019 में मिली सीट पर दावा कर रहे हैं. भाजपा को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव आते-आते पारिवारिक विवाद खत्म हो जाएगा.
"सीटों को लेकर एनडीए में कोई विवाद नहीं है. जल्दी सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा. जहां तक चिराग पासवान और पशुपति पारस का सवाल है तो लोकसभा चुनाव के पहले हमें उम्मीद है कि पारिवारिक विवाद खत्म हो जाएगा और दोनों एक हो जाएंगे."-प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
जीतन राम मांझी का दावा: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सीट शेयरिंग को लेकर खुलकर तो नहीं बोल रहे हैं, लेकिन चार सीटों पर दावा कर रहे हैं. हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा की गया, नवादा, जमुई, औरंगाबाद और जहानाबाद सीट पर नजर है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता विजय यादव ने कहा है कि हमारे नेता दिल्ली में है और दशहरा के बाद सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा. वैसे चार सीटों पर हमारा दावा बनता है.