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पटनाः विज्ञान प्रदर्शनी में लोगों को भाया खेती में आय दोगुनी करने वाला प्रोजेक्ट - bihar

छात्र गोविंद कुमार ने बताया कि अधिकतर किसान सिर्फ कृषि पर ही आधारित रहते हैं. कृषी से ही उनका जीवन-यापन चलता है. कई बार ऐसा होता है कि किसी कारण उनकी फसल नष्ट हो जाती है. इससे उन्हें बहुत परेशानी होती है. उन्होंने बताया कि इन सब बातों को गौर करने के बाद उन्होंने नई तरीके का इजाद किया है.

विज्ञान प्रदर्शनी

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Published : Nov 11, 2019, 2:05 PM IST

पटनाः राजधानी के ज्ञान भवन में शिक्षा दिवस के मौके पर तीन दिवसीय 47 वीं राज्य स्तरीय विज्ञान गणित और पर्यावरण प्रदर्शनी 2019 का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी का आयोजन राज्य शिक्षा शोध, प्रशिक्षण परिषद बिहार, राष्ट्रीय शिक्षक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली की ओर से किया गया है. विज्ञान प्रदर्शनी का मुख्य विषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सतत विकास और इसे बढ़ावा देना है.

लोगों को पसंद आई गोविंद की अनोखी प्रदर्शनी

विज्ञान प्रदर्शनी में सतत कृषि पद्धतियां विषय पर बेगूसराय के तेघरा हाई स्कूल के कक्षा नौवीं के छात्र गोविंद कुमार ने बहुत ही अनोखे किस्म की प्रदर्शनी लगाई है. प्रदर्शनी के माध्यम से वह किसानों की आय दुगनी करने के तरीकों पर जोर दे रहे हैं. साथ ही साथ इस तकनीक में पर्यावरण का भी विशेष ख्याल रखा गया है. उन्होंने प्रदर्शनी में मल्टी लेवल फार्मिंग के जरिए किसानों को बताया कि कैसे कम से कम जगह में अधिक से अधिक चीजों का उत्पादन किया जा सकता है.

छात्र का प्रोजेक्ट

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किसानों की समस्या पर गौर कर बनाया प्रोजेक्ट
छात्र गोविंद कुमार ने बताया कि अधिकतर किसान सिर्फ कृषि पर ही आधारित रहते हैं. कृषी से ही उनका जीवन-यापन चलता है. कई बार ऐसा होता है कि किसी कारण उनकी फसल नष्ट हो जाती है. इससे उन्हें बहुत परेशानी होती है. उन्होंने बताया कि इन सब बातों को गौर करने के बाद उन्होंने नई तरीके का इजाद किया है.
छात्र ने बताया कि उनके प्रोजेक्ट में ऊपर में मुर्गी फार्म है और नीचे तालाब है. इसमें सिर्फ मुर्गी को ही खाना खिलाना है और मुर्गी के मल मूत्र से मछली का भी भरण-पोषण बहुत ही अच्छे तरीके से हो जाएगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

चर्चा का विषय रहा गोविंद का प्रोजेक्ट

छात्र ने बताया की सिर्फ मुर्गी को दाना खिलाने के खर्च से मछली का भी भरण-पोषण हो जाएगा. इससे मछलियां भी अच्छी तरह से तैयार हो सकेगी. वहीं उन्होंने तालाब के गंदे पानी को खेत में सिंचाई के लिए उपयोगी बताया. सिंचाई के लिए उन्होंने अपने प्रोजेक्ट में मुर्गी फार्म के उपर सोलर पैनल लगा रखा है. उनका कहना है कि सोलर पैनल के माध्यम से किसान बिना बिजली के ही तालाब के पानी को मोटर की सहायता से खेतों में सिंचाई कर सकेंगे. प्रदर्शनी में गोविंद का प्रोजेक्ट चर्चा का विषय बना रहा.

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