पटना : बिहार में रक्षाबंधन पर स्कूल खुले रहे. प्रदेश के लगभग 80000 सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन हुआ, लेकिन विद्यार्थी न के बराबर ही पहुंचे. छात्र भले ही न पहुंचे हो, लेकिन विद्यालय में शिक्षक जरूर उपस्थित थे. जहां स्कूलों में छात्रों की संख्या काफी कम है, वहां एक भी छात्रों की उपस्थिति नहीं थी. वहीं पटना के मिलर उच्च माध्यमिक विद्यालय की बात करें तो 962 बच्चों में मात्र 14 बच्चे ही उपस्थित रहे.
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कक्षा में नगण्य दिखी छात्रों की संख्या : रक्षाबंधन के मौके पर राजधानी पटना में ईटीवी भारत की टीम ने दर्जनों विद्यालयों का भ्रमण किया और सभी जगह छात्रों की उपस्थिति नगण्य नजर आई. मध्य विद्यालय मीठापुर में 300 से अधिक बच्चों की संख्या है, लेकिन मात्र 83 बच्चे उपस्थित थे. जबकि इस विद्यालय में अल्पसंख्यक समाज के बच्चों की संख्या अधिक है. वहीं इसी विद्यालय कैंपस में चलने वाले एक और स्कूल बालक मध्य विद्यालय में 200 से अधिक नामांकित छात्रों में लगभग 20 के करीब छात्र पहुंचे.
अभिभावकों को फोनकर के दी सूचना : शिक्षिका सरस्वती कुमारी ने कहा कि आज पहली बार रक्षाबंधन के मौके पर विद्यालय खुले हैं और बच्चों के अभिभावकों को फोन कर बताया गया कि विद्यालय खुला हुआ है. बच्चों को भेजिएगा. इसके बावजूद विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति नगण्य है. उन्होंने कहा कि छुट्टियां रद्द होने से मन काफी दुखी है क्योंकि उन्हें भी भाई को राखी बांधने जाना था लेकिन वह सरकारी नौकर हैं और सरकार ने जब छुट्टी रद्द कर दी है तो ड्यूटी करनी ही है.
'अचानक छुट्टी रद्द होना वज्रपात की तरह ': मध्य विद्यालय मीठापुर के प्राचार्य अजय किशोर प्रसाद ने बताया कि उनके विद्यालय में मात्र 83 बच्चे पहुंचे हैं और वह भी इसलिए क्योंकि अल्पसंख्यक समाज के बच्चों की संख्या अधिक है. सामान्य दिनों में 250 से अधिक उपस्थित होते हैं. अचानक से निर्देश आया कि रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द की जाती है तो यह एक तरह से सभी शिक्षकों के ऊपर वज्रपात जैसा है. शिक्षा विभाग आजकल जिस प्रकार निर्णय ले रहा है, यह ठीक ऐसा ही है कि आप खुले मैदान में है और कब आसमान से वज्रपात हो जाए यह कोई तय नहीं है.