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कोरोना महामारी के बीच सुचारू रूप से चल रहे स्कूल, कैचअप कोर्स से होगी नुकसान की भरपाई - Guidelines for schools

कोरोनाकाल में एहतियात के तौर पर प्रदेश के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था. 8 फरवरी से प्राथमिक विद्यालय भी खोल दिए गए हैं. कक्षा 1 से 8 तक की कक्षाएं सुचारू रूप से शुरू हो गईं. ऐसे में स्कूल में छात्रों की उपस्थिति कैसी है, साथ ही लम्बे समय तक स्कूल बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई के नुकसान की भरपाई किस तरह से की जा रही है. ईटीवी भारत ने इसकी पड़ताल की. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
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Published : Mar 15, 2021, 6:22 PM IST

Updated : Mar 15, 2021, 9:25 PM IST

पटना:कोरोना महामारी के बीच बिहार सरकार ने सख्त निर्देशों के साथ स्कूलों को खोलने की इजाजत दी थी. फरवरी में जब प्राथमिक विद्यालय खुले तब शुरुआती दिनों में छात्रों की उपस्थिति का प्रतिशत काफी कम था. लेकिन, धीरे-धीरे छात्रों के उपस्थिति में बढ़ोतरी हुई और अब विद्यालय में आने को लेकर छात्र काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.

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स्कूलों के लिए गाइडलाइन
अभी 50% उपस्थिति के साथ छात्रों को विद्यालय में बुलाया जा रहा है, यानी कि सप्ताह में 6 दिन विद्यालय चल रहा है तो एक छात्र को सप्ताह में अल्टरनेट डे होते हुए तीन दिन क्लास आना है. लंबे अंतराल से छात्र स्कूल से दूर थे, ऐसे में जब स्कूल खुले हैं तो छात्र विद्यालय आने को लेकर काफी उत्साहित हैं.

स्कूलों के लिए गाइडलाइन

धीरे-धीरे बढ़ रही छात्रों की उपस्थिति
पटना के गर्दनीबाग अंचल में स्थित बालक मध्य विद्यालय के शिक्षक अनिल कुमार ने बताया कि जब से स्कूल खुले हैं, छात्रों की उपस्थिति में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. अब विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति प्रतिशत बढ़ी है हालांकि अभी भी कुछ छात्र ऐसे हैं जो विद्यालय कम आ रहे हैं.

अनिल कुमार, शिक्षक

''हमारे स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है और कुल 370 छात्र हैं, जिनमें प्रतिदिन लगभग 150 के करीब छात्र विद्यालय में पहुंच रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग के तहत अभी कोरोना गाइडलाइंस फॉलो करते हुए प्रतिदिन 50% छात्रों को ही विद्यालय में बुलाया जा रहा है''-अनिल कुमार, शिक्षक

बढ़ रही छात्रों की उपस्थिति

बच्चों की पढ़ाई का हुआ नुकसान
शिक्षक अनिल कुमार ने बताया कि काफी लंबे समय बाद विद्यालय खुले हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है. जो पाठ बच्चे याद कर चुके थे और अच्छे से पढ़ चुके थे उसे अब वह भूल गए हैं. इस वजह से शिक्षकों को बच्चों को समझाने में अधिक मेहनत करनी पड़ रही है. 1 अप्रैल से सरकार के निर्देशानुसार विद्यालयों में 3 महीने के लिए कैचअप कोर्स शुरू होंगे और इसके तहत नए सत्र से जब बच्चे अगली कक्षा में प्रवेश करेंगे, तो उसके पहले 3 महीने उन्हें पिछली कक्षाओं की पढ़ाई का रिवीजन कराया जाएगा.

स्कूलों के लिए गाइडलाइन

कैचअप कोर्स से होगी भरपाई
लम्बे समय तक स्कूल बंद रहेने से बच्चों की पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए विभाग ने 3 महीने के कैचअप कोर्स शुरू करने का फैसला लिया है. जिसके तहत बच्चों को बेसिक और जरूरी टॉपिक्स पढ़ाए जाएंगे ताकि अगली कक्षा के कोर्स की पढ़ाई के दौरान उन्हें कोई दिक्कत न आए. इन कक्षाओं से उन बच्चों को खासा लाभ होगा जो टीवी, इंटरनेट, स्मार्टफोन नहीं होने के चलते ऑनलाइन क्लास में हिस्सा नहीं ले सके थे.

कैचअप कोर्स से होगी भरपाई

अल्टरनेट-डे पर स्कूल आ रहे बच्चे
पटना के अदालतगंज के कन्या मध्य विद्यालय की प्राचार्या शारदा कुमारी ने बताया कि लॉकडाउन के पहले जितने बच्चे विद्यालय आते थे, उतने ही बच्चे अभी भी विद्यालय पहुंच रहे हैं. हालांकि इन बच्चों को कोरोना गाइडलाइंस के तहत अल्टरनेट डे पर बुलाया जा रहा है, क्योंकि 50% ही उपस्थिति रखनी है.

शारदा कुमारी, प्राचार्या

''विद्यालय में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है और 450 छात्रों का नामांकन है. वर्तमान समय में विद्यालय में मिड डे मील योजना बंद है, क्योंकि सरकार का निर्देश आया है और जब तक इसे चालू करने का निर्देश नहीं आएगा बंद ही रहेगा. सभी बच्चों को मास्क बांट दिए गए गया हैं और उन्हें ये निर्देशित किया गया है कि अपनी वाटर बोतल और लंच भी साथ लेकर ही आएं''- शारदा कुमारी, प्राचार्या

अल्टरनेट-डे पर स्कूल आ रहे बच्चे

स्कूल शुरू होने से बच्चे उत्साहित
बता दें कि पटना के तारामंडल के पास स्थित अदालतगंज के कन्या मध्य विद्यालय के स्कूल भवन में 4 विद्यालय चलते हैं. ऐसे में इन सभी विद्यालयों के एक ही भवन में सुचारू संचालन के लिए संकुल समन्वयक राजेश कुमार दुबे हैं. उन्होंने बताया कि लगभग 1 साल से विद्यालय पूरी तरह बंद थे. इस वजह से बच्चे घर में ऊब गए थे. अब जब विद्यालय खुले हैं, तो विद्यालय आने के लिए छात्र काफी उत्साहित हैं. इसके अलावा शुरुआती दौर में सभी छात्रों को विद्यालय आने पर फूल देकर सम्मानित किया गया.

देखिए रिपोर्ट

''कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल जनवरी में ही खुल गए थे. इस वजह से अब इनकी पढ़ाई पटरी पर है और सभी बच्चे क्लास कर रहे हैं. लेकिन कक्षा 1 से 5 तक के अभी 50% बच्चे ही क्लास में आ रहे हैं. मगर यह उपस्थिति प्रतिशत धीरे-धीरे बढ़ रहा है. कई बच्चे अभी इंतजार कर रहे हैं कि जल्द ही नया सत्र शुरू होगा तो नए सत्र से ही स्कूल जाएंगे,ऐले में नए सत्र से सभी बच्चे विद्यालय आना शुरू कर देंगे''- राजेश कुमार दुबे, संकुल समन्वयक

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स्कूलों में राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का शत प्रतिशत अनुपालन सख्ती के साथ कराया जा रहा है. साथ ही ये भी ध्यान रखा जा रहा है कि बच्चों की पढ़ाई का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई किस तरह से की जा सके.

Last Updated : Mar 15, 2021, 9:25 PM IST

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