पटना में विद्यालय सहायक और परिचारी का प्रदर्शन. पटना: विकास भवन स्थित नये सचिवालय के बाहर सोमवार को बड़ी संख्या में विद्यालय सहायक और परिचारी वेतन जारी करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इनकी बहाली मृत शिक्षकों के परिजन होने के नाते अनुकंपा के आधार पर 2021 में की गयी थी. प्रदर्शन के दौरान विद्यालय सहायक और परिचारियों ने कहा कि सरकार ने उन्हें भरण पोषण के लिए नौकरी तो दे दी लेकिन वेतन देना भूल गई.
इसे भी पढ़ेंः तो क्या फर्जी था बिहार के स्कूलों में 1 लाख छात्रों का नामांकन..? KK Pathak की हनक से उजागर हुआ नया खेल
घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया: विद्यालय सहायक रंजीत कुमार ने बताया कि 18 महीने से उन लोगों को वेतन नहीं मिला है. अनुकंपा के आधार पर उन लोगों की बहाली हुई है और सरकार ने शपथ पत्र भी लिया है कि परिवार का भरण पोषण इस नौकरी के माध्यम से करेंगे. अनुकंपा पर नौकरी भरण पोषण के लिए दी जाती है लेकिन इस नौकरी में भी 18 महीने से उन लोगों को वेतन नहीं मिला है. ऐसे में घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. सरकार का फरमान होता है समय पर विद्यालय आना है समय पर वह आते भी हैं लेकिन वेतन नहीं मिलता है.
क्यों नहीं मिल रहा वेतन, पता करने आएः विद्यालय सहायक आशीष रंजन ने कहा कि प्रदेश के तमाम जिलों से विद्यालय सहायक और परिचारी पटना पहुंचे हुए हैं. जिला शिक्षा अधिकारी के पास जाते हैं तो वहां से पता चलता है कि उनका वेतन ही रिलीज नहीं हुआ है तो वेतन वह कहां से देंगे. ऐसे में वे लोग सचिवालय आए हुए हैं कि क्यों उनका वेतन नहीं दिया जा रहा है. विद्यालय सहायक अभिलाषा किरण ने कहा कि काफी दूर से आज पटना चलकर इसलिए ही आना पड़ा है कि घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. कोई भी अधिकारी उनकी बातों को नहीं सुन रहा है.
18 माह से नहीं मिला वेतनः विद्यालय परिचारी रानी देवी ने कहा कि उन्हें 15200 वेतन मिलता है लेकिन यह भी 18 महीने से नहीं मिला है. शिक्षा विभाग में विद्यालयों में क्लर्क के पद को खत्म कर विद्यालय सहायक और विद्यालय परिचारी के पद का अनुकंपा के आश्रितों को नौकरी देने के लिए सृजन किया गया. सरकार के आदेश पर प्रतिदिन वह लोग समय पर स्कूलों में जाते हैं लेकिन अब तक वेतन नहीं मिला है. वह अभी सरकार के अधिकारियों से गुहार लगाने पहुंची हुई है और फिर भी यदि नहीं मिलता है तो अब वह सभी हाई कोर्ट का रुख करेंगी.