पटना:बिहार में नीतीश कुमार विकास के लाख दावे कर लें लेकिन आज भी गरीबों को जमीन देने में सरकार की योजनाएं फिसड्डी साबित हो रही. इसका खुलासा 'मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना' की प्रोग्रेस रिपोर्ट में हुआ है. इस रिपोर्ट के अनुसार 21 जिलों में 10 से भी कम लाभार्थी को जमीन के लिए सहायता राशि दी गई है. जबकि 11 जिलों में 10 से भी कम ही लाभार्थी को जमीन के लिए इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.
2019-2020 में करना था टारगेट पूरा
राज्य सरकार ने निर्णय लिया था कि बिहार के 38 जिलों में कुल 20 हजार लाभार्थियों को 'मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता' योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा. लेकिन अब तक लक्ष्य का तकरीबन 5 प्रतिशत यानी कुल 541 लाभार्थियों को ही इस योजना का लाभ मिल सका है.
60 हजार देने का प्रावधान
इस योजना के माध्यम से किसी भी बीपीएल सदस्य को खरीदी गई जमीन के एवज में 60 हजार देने का प्रावधान है. इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य मार्च 2020 तक है. लेकिन रिपोर्ट के अनुसार लक्ष्य प्राप्ति तो करना दूर इसके 10 फीसदी तक भी पहुंचना मुश्किल दिख रहा है.
ग्रामीण विकास मंत्री ने रखा सरकार का पक्ष
हालांकि इस मामले में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार सरकार का पक्ष मजबूती से रख रहे हैं. इनका कहना है कि जमीन क्रय लाभुक को करना है सरकार को नहीं. जमीन क्रय करने के बाद लाभुक को 60 हजार उनके खाते में ट्रांसफर किए जा रहे हैं. ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा है कि जिन जिलों में लाभुक अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं और जमीन खरीद रहे हैं, उन्हें अविलंब पैसा मुहैया कराया जा रहा है.