पटना: एक तरफ राज्य की सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के बड़े-बड़े वादे कर रही है. सरकार की तरफ से बड़ी संख्या में पदों पर वैकेंसी भी निकाली जा रही है. लेकिन सरकार इन पदों नियुक्ति करना सरकार भूल गई है. यही कारण है कि सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से बेहाल है.
मात्र 43 फीसदी डॉक्टर कार्यरत
स्वास्थ्य विभाग के तहत नियमित डॉक्टरों के 7,249 पद स्वीकृत हैं, जबकि 4,146 यानी 43 फीसदी कार्यरत हैं. आधे से भी कम डॉक्टरों के भरोसे राज्य की चिकित्सा व्यवस्था चल रही है. इसमें भी औसतन 100 डॉक्टर प्रति माह सेवानिवृत्त हो रहे हैं.