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Sawan first Somwar : सावन की पहली सोमवारी, शिवालयों में भक्तों की लगी कतार

आज सावन की पहली सोमवारी है. सुबह से ही शिवायलों में जल चढ़ाने के लिए भक्तों की लंबी कातर लग चुकी है. पहली सोमवारी का भोले बाबा के भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है. शिव मंदिरों को आज खासतौर से सजाया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jul 10, 2023, 6:02 AM IST

Updated : Jul 10, 2023, 9:53 AM IST

पटना : सावन का पावन महीना 4 जुलाई से ही शुरू हो गया है. पूरा सावन महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है. आज 10 को सावन की पहली सोमवारी है. ऐसे में सोमवारी को लेकर भोले बाबा के भक्तों में काफी उत्साह है. सावन की पहली सोमवारी पर छोटे-बड़े शिवालय में भक्तों की भीड़ फौ फटने से पहले ही जमा हो गई है. पहली सोमवारी को लेकर मंदिरों में एक दिन पहले की पूरी तैयारी कर ली गई थी. कई जगहों पर एक दिन पहले या रविवार की रात को ही श्रद्धालु नदियों से जल लेकर पैदल जाकर शिवालयों में सोमवार को चढ़ाते हैं.

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इस बार दो महीने का है सावन : इस साल अधिक मास लगने के कारण सावन 2 महीने यानी 59 दिनों का हो रहा है और यह संयोग लगभग 19 साल बाद पड़ा है. इस सावन में कुल 8 सोमवारी पड़ेगी. 4 जुलाई से शुरू हुआ सावन महीना 31 अगस्त तक चलेगा. मान्यताओं के अनुसार भक्त भोले बाबा पर जल दूध से अभिषेक करते हैं चंदन फूल अक्षत भांग धतूर चढ़ाते हैं. आचार्य रामा शंकर दुबे ने बताया कि सोमवारी का व्रत हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण दिन माना जाता है .

सोमवार के दिन भगवान शिव की होती है विशेष पूजा : रामा शंकर दुबे ने कहा कि सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए भक्त भगवान की विशेष रूप से पूजा अर्चना करते हैं और दिन भर उपवास रखते हैं. श्रावण मास में भोले बाबा और माता पार्वती की पूजा की जाती है. उन्होंने बताया कि जो भी श्रद्धालु भक्त सोमवारी का व्रत करना चाहते हैं वह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर गंगाजल या पवित्र जल से भगवान भोलेनाथ को अर्पित करें.

सावन में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व : उन्होंने बताया कि सावन में रुद्राभिषेक का भी विशेष महत्व है. गाय के दूध से शिवजी का अभिषेक करने पर हर मनोकामना पूर्ण होती है. महिलाओं को भोलेनाथ पर जलाभिषेक कर बेलपत्र विशेष रूप से चढ़ाने चाहिए. इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. भगवान शिव का ध्यान करें और ध्यान के बाद ओम नमः शिवाय से शिव जी और माता पार्वती का पूजन करें. पूजन के बाद शिवजी की आरती करें. भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से मनोकामना पूर्ण होती है.

पूरे सावन होती है भोलेनाथ की पूजा :रामा शंकर दुबे ने बताया कि ऐसे तो पूरे श्रावण मास महीने में भोलेनाथ की पूजा अर्चना जलाभिषेक होती है. सावन का पावन महीना भगवान शिव जी को अतिप्रिय है. माता पार्वती ने भी शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए सावन महीने में ही कठोर तपस्या की थी. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. कुंवारी कन्या सावन महीने में भोले बाबा की पूजा अर्चना कर उपासना करती है क्योंकि उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिल सके.

इस बार आठ सोमवारी : आचार्य ने कहा कि सावन महीने में कई पर्व त्यौहार भी मनाए जाएंगे. 4 जुलाई से सावन महिला की शुरुआत हुई है. पहली सोमवारी आज 10 जुलाई , दूसरी सोमवारी 17 जुलाई, तीसरी सोमवारी 24 जुलाई ,चौथी सोमवार 31 जुलाई ,पांचवी सोमवार 7 अगस्त , छठी सोमवारी 14 अगस्त, सातवीं सोमवारी 21 अगस्त, आठवीं सोमवारी 28 अगस्त को है. 30 अगस्त को भाई बहन का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाएगा.

Last Updated : Jul 10, 2023, 9:53 AM IST

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