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इस बार सावन में आएंगे 4 सोमवार, पढ़ें सावन के सोमवार की व्रत व पूजन विधि, मंत्र और कथा

चैत्र के पांचवे महीने को सावन का महीना कहा जाता है. सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

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Published : Jul 17, 2019, 9:46 AM IST

पटना: भगवान शिव की आराधना का पावन महीना सावन का शुभारम्भ आज से हो गया है. पूरे माह शिवालयों में भक्तों का सैलाब रहता है। इस बार पूरे 30 दिन सावन रहेगा. इसमें आप भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न कर सकते है.
सावन का शिवभक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि सावन मास भगवान शिव का प्रिय महीना है. ऐसी मान्यता है कि सावन में चारों ओर मेघवर्षा होती है और तापमान में गिरावट आती है, जिससे शिव का चित्त शांत रहता है और उनके गर्म शरीर को ठंडक मिलती है.


सावन में इस तारीख को पड़ेंगे सोमवार

  • बुधवार, 17 जुलाई श्रावण मास का पहला दिन
  • सोमवार, 22 जुलाई सावन सोमवार व्रत
  • सोमवार, 29 जुलाई सावन सोमवार व्रत
  • सोमवार, 05 अगस्त सावन सोमवार व्रत
  • सोमवार, 12 अगस्त सावन सोमवार व्रत
  • गुरुवार, 15 अगस्त श्रावण मास का अंतिम दिन
  • सावन के अंतिम दिन ही स्वतंत्रतता दिवस और रक्षाबंधन 2019 भी मनाया जाएगा.


भक्त तीन प्रकार के व्रत रखते हैं:

  • सावन सोमवार व्रत
  • सोलह सोमवार व्रत
  • प्रदोष व्रत


व्रत और पूजन विधि :

  • सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें.
  • पूजा स्थान की सफाई करें.
  • भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें.
  • भगवान शिव का अभिषेक जल या गंगाजल से होता है परंतु विशेष अवसर व विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल आदि कई सामग्रियों से अभिषेक की विधि प्रचलित है.
  • ऊँ नमः शिवाय मंत्र के द्वारा श्वेत फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, नारियल व बेल की पत्तियां, फल और गंगाजल या साफ पानी से भगवान शिव और पार्वती का पूजन जरूर करें.
  • पूजन विधि के साथ-साथ मंत्रों का जाप भी बेहद आवश्यक माना गया है फिर महामृत्युंजय मंत्र का जाप हो गायत्री मंत्र हो या फिर भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र.
  • भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें.
  • सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ें शिव चालीसा का पाठ करें और दूसरों को भी व्रत कथा सुनाएं और पूजा का प्रसाद वितरण करें.


सावन के महीने का महत्व
चैत्र के पांचवे महीने को सावन का महीना कहा जाता है. सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव ने सावन के महीने में माता पार्वती की तपस्या से खुश होकर उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकारा था. सावन के महीने में भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में व्रत रखने वाली लड़कियों को भगवान शिव के आशीर्वाद से मनपसंद जीवनसाथी प्राप्त होता है. इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

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