पटनाः बिहार में हाल में हुए एमएलसी चुनाव में सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जेडीयू के उम्मीदवार वीरेंद्र नारायण यादव विजयी हुए हैं. अब सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित जदयू उम्मीदवार वीरेंद्र नारायण यादव के चुनाव को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. भाजपा के उम्मीदवार महाचंद्र प्रसाद सिंह ने हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर चुनौती दी (Mahachandra Prasad challenged in High Court) है. उनके वकील एसबीके मंगलम ने बताया कि विजयी उम्मीदवार ने अपने शपथ पत्र में कई बातों को छुपा लिया है. साथ ही शपथ पत्र के खंड दो को भरा ही नहीं है. उनका कहना था कि ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के फैसला के खिलाफ है.
Patna High Court में सारण स्नातक क्षेत्र के MLC वीरेंद्र नारायण यादव के चुनाव को चुनौती, महाचंद्र प्रसाद ने दायर की याचिका - ETV Bharat News
सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी चुनाव (Saran graduate MLC election) को बीजेपी के प्रत्याशी महाचंद्र प्रसाद ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इस चुनाव में जदयू प्रत्याशी वीरेंद्र नारायण यादव विजयी हुए हैं. महाचंद्र प्रसाद ने चुनाव याचिका दायर करते हुए कहा है कि वीरेंद्र नारायण यादव ने शपथ पत्र में कई बातों को छुपा लिया है. पढ़ें पूरी खबर..
पांच हजार से भी ज्यादा मत से जीते हैं वीरेंद्र नारायणः बता दें कि बिहार में हाल में ही पांच जगहों पर हुए एमएलसी चुनाव संपन्न हुआ है. इसमें सारण निर्वाचन क्षेत्र से महागठबंधन से जदयू प्रत्याशी वीरेंद्र नारायण यादव के सिर पर जीत का सेहरा बंधा था. उन्होंने अफने विरोधी बीजेपी के उम्मीदवार महाचंद्र प्रसाद को हराया था. इस चुनाव में वीरेंद्र नारायण यादव को 32 हजार 249 वोट मिले थे वहीं महाचंद्र प्रसाद को 26 हजार 288 वोट प्राप्त हुआ था. इस तरह वीरेंद्र यादव ने 5 हजार 951 वोटों से महाचंद्र सिंह को शिकस्त दी थी.
बिहार की राजनीति में बड़ा नाम है महाचंद्र प्रसादः महाचंद्र प्रसाद करीब 36 साल तक एमएलसी रहे हैं. सूबे की राजनीति में चार दशक से महाचंद्र प्रसाद सक्रिय हैं. करीब तीन दशक तक वह कांग्रेस के साथ रहे और सारण के स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से लगातार चुनान जीतते रहे. वहीं जब जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री पद से हटे और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का निर्माण किया, उसमें भी महाचंद्र प्रसाद एक संस्थापक सदस्य के रूप में जुड़े थे. इसके बाद 2019 में वह बीजेपी में शामिल हुए. उस वक्त के बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव और सुशील कुमार मोदी ने उन्हें बीजेपी में शामिल किया था.