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संजय जायसवाल ने राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा में दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का हवाला देते हुए बेतिया सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया है.

Sanjay Jaiswal gave notice of breach of privilege in Lok Sabha against Rahul Gandhi
Sanjay Jaiswal gave notice of breach of privilege in Lok Sabha against Rahul Gandhi

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Published : Feb 13, 2021, 9:54 AM IST

पटना:बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने शुक्रवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का नोटिस दिया है.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का हवाला देते हुए बेतिया सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया है. उन्होंने 11 फरवरी को राहुल गांधी द्वारा सदन में की गई टिप्पणी पर विरोध जताते हुए उनके खिलाफ लोकसभा की अवमानना और विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है.

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'पीएम की गरिमा पर आघात करने का प्रयास'
अध्यक्ष को दिए गए अपने नोटिस में डॉ. जायसवाल ने कहा कि दिनांक 11 फरवरी को आम बजट पर अभिभाषण के दौरान राहुल गांधी, अपने चिर-परिचित अंदाज में विषय से परे हटकर बिना किसी तथ्य या डक्यूमेंट पेश किए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरिमा पर आघात करने का लगातार प्रयास किया.

"ओछी बयानबाजी की सारी हदों को पार करते हुए यह तक भूल गए कि वे लोकसभा में बोल रहे हैं, जहां अध्यक्ष के दिशा-निर्देश व संविधान के कुछ प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार ही किसी विषय को पटल पर रखा जाता है."-डॉ. संजय जायसवाल, बीजेपी के अध्यक्ष व सांसद

संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कृषि कानूनों पर राहुल गाधी द्वारा फैलाये गए अफवाहों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए डॉ. जायसवाल ने इसे बचकाना और लापरवाही भरा कृत्य करार दिया. उन्होंने कहा कि अपने भाषण के बीच में ही राहुल ने अपनी पार्टी के सांसदों को मृत किसानों के लिए मौन रखने का आदेश दिया. जिससे सदन में एक विकट स्थिति उत्पन्न हो गई.

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'सदन की अवमानना'
बता दें कि सदनमें इस तरह का सामूहिक शोक अध्यक्ष के निर्देश, सलाह और मार्गदर्शन में करने का ही नियम है. इससे साफ है कि राहुल ने सदन के नियमों की अवहेलना और अपमान किया है, जो नियमों के मुताबिक 'सदन की अवमानना' और दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है.

उन्होंने इन्हीं विषयों के आलोक में नोटिस देते हुए इस पूरे मामले को लोकसभा के नियम 223 के तहत, इसे विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना बताया. सदन में किसी अन्य सदस्य द्वारा दोबारा ऐसी अशोभनीय स्थिति उत्पन्न न की जाए, इसलिए उन्होंने अध्यक्ष से इस विषय को सदन में उठाने की अनुमति भी मांगी है.

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