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मसौढ़ी के घोरहुआं बौद्ध मंदिर में मनाया गया संघमित्रा दिवस

संघमित्रा महान मौर्य सम्राट अशोक की पुत्री थी. उसे अशोक ने अपने पुत्र महेंद्र के साथ श्रीलंका में बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भेजा था. संघमित्रा बोधी वृक्ष की शाखा लेकर श्रीलंका गई थी और वहां धर्म प्रचार किया था. वह आज ही के दिन बोधगया के बोधी वृक्ष की एक शाखा को लेकर श्रीलंका गई थी, जिसके चलते आज संघमित्रा दिवस मनाया जाता है.

Ghorhua Buddhist temple
घोरहुआं बौद्ध मंदिर

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Published : Dec 30, 2020, 8:50 PM IST

पटना:बौद्ध अनुयायियों ने बुधवार को मसौढ़ी में संघमित्रा दिवस मनाया. मसौढ़ी के घोरहुआं स्थित बौद्ध मंदिर के पास लोगों ने संघमित्रा दिवस मनाया और आठ शील का अनुपालन किया.

गौरतलब है कि संघमित्रा महान मौर्य सम्राट अशोक की पुत्री थी. उसे अशोक ने अपने पुत्र महेंद्र के साथ श्रीलंका में बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भेजा था. संघमित्रा बोधी वृक्ष की शाखा लेकर श्रीलंका गई थी और वहां धर्म प्रचार किया था.

संघमित्रा सम्राट अशोक की पहली पत्नी विदिशा देवी की पुत्री थी. संघमित्रा ने सभी राजसी सुख-सुविधाएं छोड़कर भिक्षुक बनकर धर्म प्रचार किया था. वह आज ही के दिन बोधगया के बोधी वृक्ष की एक शाखा को लेकर श्रीलंका गई थी, जिसके चलते आज संघमित्रा दिवस मनाया जाता है.

गौरतलब है कि मसौढ़ी के घोरहुआं स्थित बुद्धमंदिर में अगहनी पूर्णिमा के दिन संघमित्रा दिवस मनाया गया. जहां लोगों ने संघमित्रा के बारे में और भगवान गौतम बुद्ध के बारे में परिचर्चा की और सुबह से शाम तक वंदन किया. श्रद्धालुओं ने आठ सील गुणों का अनुपालन किया.

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