पटना:बिहार सरकार(Bihar government ) राज्य में इस बार बालू खनन (Sand Mining) शुरू करने के साथ ही अवैध खनन (Illegal Sand Mining), अवैध बिक्री और ढुलाई पर नियंत्रण के लिए नई व्यवस्था लागू करेगी. इसकी तैयारी की जा रही है. एक अक्टूबर से नदी घाटों से फिर से खनन शुरू हो जाएगा. इसके तहत नदी घाटों पर खनन की ड्रोन से मॉनिटरिंग (Monitoring By Drone), चालान की जांच सहित हाइटेक व्यवस्था से निगरानी की जायेगी. इसके साथ ही मुख्यालय स्तर से निगरानी की व्यवस्था की जायेगी.
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इससे पहले भी सरकारी राजस्व की हानि को रोकने के लिए अवैध बालू खनन में संलिप्त पुलिसकर्मी और दूसरे विभाग के अफसरों पर भी कार्रवाई की गई है. खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार नदी घाटों पर खनन की ड्रोन से मॉनिटरिंग की जाएगी. इसके साथ-साथ चालान की जांच सहित हाईटेक व्यवस्था से निगरानी की जाएगी.
पुलिस मुख्यालय के स्तर से निगरानी की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ-साथ संवेदनशील नदी घाटों की पहचान कर वहां पर अतिरिक्त फोर्स बल के माध्यम से जांच सुनिश्चित की जाएगी. इसके अलावा बालू घाटों की निगरानी ड्रोन कैमरे के माध्यम से की जाएगी ताकि सरकार को राजस्व की हानी ना पहुंचे.
फिलहाल मिल रही जानकारी के अनुसार 19 जिलों में 195 लाइसेंस धारी विक्रेताओं के माध्यम से बालू की बिक्री हो रही है. लगातार खान एवं भूतत्व विभाग को मिल रही सूचना के मुताबिक बालू घाट के बंदोबस्ती नहीं होने की वजह से ज्यादा पैसे भी वसूले जा रहे थे. जिसके बाद जिला प्रशासन के तरफ से पटना सहित औरंगाबाद जहानाबाद भोजपुर में बालू का रेट तय किया गया है.
दरअसल खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार 350 नए बालू घाटों की बंदोबस्ती पर्यावरणीय स्वीकृति के इंतजार में है. इसकी मंजूरी मिलने और नये बालू घाटों के नये बंदोबस्तधारियों द्वारा खनन शुरू करने के लिए जरूरी ऑथोरिटी सिया का पुनर्गठन इसी महीने होने की संभावना है. इन नये बालू घाटों से खनन शुरू होने से लोगों को अपने जिले या जिले के नजदीक ही आसानी से बालू मिल सकेगा.
फिलहाल पुरानी व्यवस्था के तहत 8 जिलों में ही बालू का खनन हो रहा है. बालू के अवैध खनन में संलिप्त अधिकारियों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है. 2 आईपीएस अधिकारी समेत 41 अफसरों पर कार्रवाई की गई है. वहीं इन अफसरों की आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई करने की तैयारी आर्थिक अपराध इकाई द्वारा की जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार कई टीमें गठित की गई हैं और इन अधिकारियों के चल अचल संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है. अगर किसी अधिकारी के बारे में आय से अधिक संपत्ति मामले में सूचना प्राप्त होगी तो उनके ठिकानों पर छापेमारी भी की जाएगी.
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