बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी पटना: बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने राज्य सरकार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार छपरा जहरीली शराब कांड में मारे जाने वालों के परिजनों को मुआवजा राशि नहीं देगी तो बीजेपी इसके लिए कानूनी कदम उठाने में पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने यह बातें सोमवार को विधान परिषद की कार्यवाही स्थगित हो जाने के बाद अपने चेंबर में पत्रकारों से बातें करते हुए कहीं. उन्होंने इस दौरान नीतीश सरकार पर जमकर हमला किया. ( samrat chaudhary on chapra hooch tragedy ) (BJP leader Samrat Chaudhary) (Samrat Chaudhary on CM Nitish Kumar)
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'मुआवजे के लिए खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा': सम्राट चौधरी ने कहा कि 2016 से अब तक केवल 83 शराब सप्लायर को सजा हुई है जबकि 13 सौ के करीब शराबियों का दोष सिद्ध हुआ है. चार लाख 70 हजार के करीब मामले शराब पीने के दर्ज किए गए हैं. चार लाख लोगों को जेल में भेजा गया है. दो करोड़ लीटर शराब जब्त किया गया है. पिछले छह साल में हजारों लोगों की मौत जहरीली शराब के कारण हो चुकी है.
"पिछली सरकार ने जब गोपालगंज के खजूर बन्नी जहरीली शराब कांड में मुआवजा दिया तो छपरा जहरीली शराब कांड में क्यों नहीं दिया जा रहा है? छपरा जहरीली शराब कांड में अगर मुआवजा नहीं मिलेगा तो बीजेपी की लीगल टीम उच्च न्यायालय में जाएगी."-सम्राट चौधरी, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधान परिषद
'सरकार साफ करे अपना स्टैंड':इससे पहले विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही परिषद का माहौल गर्म हो गया. विपक्षी बीजेपी के पार्षदों ने जहरीली शराब कांड का मुद्दा उठाया. सम्राट चौधरी ने आसन के समक्ष कागज को उछाल दिया. सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार अपने ही आदेश को नहीं मान रही है. हम कोर्ट तो जाएंगे ही लेकिन सरकार से सीधा जवाब चाहते हैं. आप अपनी बात तो रखिए. कल स्टैंड कुछ था और आज कुछ है. कल भी महागठबंधन की ही सरकार थी और आज भी महागठबंधन की सरकार है.
मृतकों के आकंड़ों की बाजीगरी क्यों ?: बता दें कि छपरा जहरीली शराब कांड में मरने वालों का आंकड़ा 73 तक पहुंच चुका है. जबकि सरकार की ओर से 38 लोगों के मौत की पुष्टि की जा रही है. वहीं छपरा सदर अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक संदिग्ध पेय पदार्थ पीकर 67 लोग मरे हैं. सवाल इस बात का है कि आखिर आंकड़ों में इतना बड़ा अंतर कैसे आ रहा है? उत्पाद विभाग के मंत्री शराब पीकर मरने वालों के परिजनों और मीडिया से प्रतिवेदन मांग रहे हैं. ऐसे में जिनकी मौतें हुईं उनके बारे में सरकार क्या कर रही है?