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Dhanteras 2022: घर की दरिद्रता दूर भगाने के लिए खरीदें झाड़ू, धनतेरस पर बढ़ी मांग - broom sales increased on dhanteres

धनतेरस पर झाड़ू खरीदने का काफी महत्व है. यह सदियों से परंपरा के रूप में चली आ रही है. मान्यता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से घर की दरिद्रता दूर होती. धनतेरस को लेकर बाजार में झाड़ू की भी कई दुकानें अलग से लगाई जाती हैं. मसौढ़ी में भी धनतेरस पर झाड़ू की इन दुकानों पर महिलाओं की खासी भीड़ देखने (Sale of broom on Dhanteras in Masaurhi) को मिली. साथ ही झाड़ू खरीदने को लेकर अपनी अलग-अलग मान्यता और विचारों को रखा.

मसौढ़ी में धनतेरस पर झाड़ू की बिक्री
मसौढ़ी में धनतेरस पर झाड़ू की बिक्री

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Published : Oct 22, 2022, 2:07 PM IST

पटनाः बिहार की राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में धनतेरस के दिनझाड़ू की बिक्री कुछ ज्यादा (broom sales increased on dhanteres) होती दिखी. सड़क किनारे लगी झाड़ू के छोटी-छोटी दुकाने से लेकर बड़े माॅल तक में झाड़ू की बिक्री होती नजर आई. साथ ही झाड़ू की खरीदारी के लिए महिलाओं की खासी भीड़ उमड़ती दिखाई दी. दरअसल, मान्यता है कि दरिद्रता दूर करनी है तो धनतेरस के दिन खरीदे झाड़ू खरीदनी चाहिए. धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की परंपरा काफी पुरानी है और इसका जिक्र पुराणों में भी मिलता है. लोगों का कहना है कि झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है.

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सोना-चांदी के बाद सबसे अधिक बिक रही झाड़ू: धनतेरस को लेकर एक और जहां सराफा बाजार में गर्माहट आ गई है. वहीं सोने-चांदी के आभूषण की बाजारों में भीड़ लगी है. इसके साथ बाजार में धनतेरस पर झाड़ू की दुकान में भी काफी भीड़ देखने को मिली. आज बाजार में जिसे देखिए हर आदमी के हाथों में झाड़ू दिखेगा. चाहे वह गरीब हो या अमीर हर आदमी आज के दिन झाड़ू खरीदता है. ऐसे मान्यता है कि अगर घर से अगर दरिद्रता भगानी है तो उन्हें धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना ही चाहिए. यह पुरानी परंपरा सदियों काल से चली आ रही है और कहा जाता है कि झाड़ू में मां लक्ष्मी का वास होता है जो साफ सफाई की प्रतीक ही नहीं बल्कि घर में सुख शांति समृद्धि भी लाती हैं.

"झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास होता है. धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की पुरानी परंपरा है. इसी से दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा शुरू की जाती है इसका अपना एक अलग महत्व है"-शालिनी देवी, लखीबाग,मसौढ़ी

झाड़ू के बिना लक्ष्मी पूजा पूर्ण नहीं हो सकतीः रिवाज के अनुसार लोग धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदते हैं और दीपावली की सुबह इसकी पूजा कर घर की साफ सफाई करते हुए घर की दरिद्रता को बाहर फेंकते हैं. मसौढ़ी के श्री राम जानकी ठाकुरबाड़ी मंदिर के प्रमुख पुजारी गोपाल पांडे ने कहा कि सनातन धर्म में धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना बहुत ही धार्मिक महत्व रखता है. झाड़ू के बिना लक्ष्मी पूजा पूरी नहीं मानी जा सकती है. मां लक्ष्मी का आगमन झाड़ू की सफाई से ही होता है. इसलिए धनतेरस के दिन हर किसी को कम से कम एक झाड़ू अवश्य खरीदना चाहिए.

झाड़ू में माता लक्ष्मी का वासः धनतेरस के दिन बाजार में झाड़ू खरीदने आई महिलाओं ने कहा कि झाड़ू में लक्ष्मी का वास होता है. मां लक्ष्मी इस दिन झाड़ू खरीदने से प्रसन्न होती हैं. क्योंकि साफ सफाई से ही स्वच्छता और समृद्धि आती है. बाजार में धनतेरस की खरीदारी करने आई शालिनी देवी ने बताया कि आज के दिन झाड़ू खरीदने से घर की दरिद्रता दूर होती है. इसलिए आज झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए. वहीं देवमंति देवी ने कहा कि झाड़ू में लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए आज झाड़ू खरीदी जाती है. वहीं एक और महिला मंजू देवी ने कहा कि सबको आज झाड़ू खरीदना चाहिए. धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने का अपना एक अलग महत्व होता है.


"झाड़ू के बिना लक्ष्मी पूजा पूरी नहीं मानी जा सकती है. मां लक्ष्मी का आगमन झाड़ू की सफाई से ही होता है. इसलिए धनतेरस के दिन हर किसी को कम से कम एक झाड़ू अवश्य खरीदना चाहिए. इसी झाड़ू से दिवाली के दिन सुबह-सुबह दरिद्रता को घर से बाहर निकाला जाता है और फिर माता लक्ष्मी का आमगन होता है"-गोपाल पांडे, मुख्य पुजारी, श्रीरायजानकी ठाकुरबाड़ी मंदिर, मसौढ़ी

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