पटना(मनेर): बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही जनता अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगी है. इसी कड़ी में राजधानी पटना से सटे मनेर को रिंग रोड से काटे जाने के मुद्दे को लेकर सोशल एक्टिविस्ट फोरम के बैनर तले रिंग रोड सत्याग्रह का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों की संख्या में शामिल होकर लोगों ने मनेर पड़ाव शहीद भगत सिंह स्मारक से गौरैया स्थान तक पैदल मार्च निकाला. इस विरोध प्रदर्शन का स्थानीय विधायक और आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र भी समर्थन किया.
बता दें कि इस पैदल मार्च की शुरुआत से पहले युवाओं मनेर दरगाह, त्रिवेणी संगम, गगन बाबा और बिटेश्वर नाथ मंदिर जाकर दर्शन किए. इसके बाद पूरे नगर में घुमते हुए भगर सिंह स्मारक के पास इकट्ठा हुए. हालांकि इस दौरान स्थानीय प्रशासन ने आंदोलकारियों को रोका भी पर बाद में कुछ दूर आगे जाने की इजाजत दे दी.
रिंग रोड की मांग को लेकर प्रदर्शन 'मनेर के लोगों के सपनों की कोई फिक्र ही नहीं'
इस पैदल मार्च के बारे में एसएएफ के सदस्य ने बताया की रिंग रोड को लेकर पिछले कई दिनों से हम सभी अपने स्तर से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले हम ने मनेर पड़ाव, मनेर ब्लॉक और फिर पेठिया बाजार पर प्रदर्शन किया. सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक अपनी बात पहुंचाई. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसीलिए अब हमने सड़क पर उतरकर सत्याग्रह करने का निर्णय लिया है.
'मनेर को विकास से दूर रख रही राज्य सरकार'
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि राज्य सरकार मनेर को विकास से दूर रख रही है. डीपीआर के अंतिर रूप में मनेर नगर से काट दिया गया. रिंग रोड मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट था लेकिन उन्हें मनेर के लोगों के सपनों की कोई फिक्र ही नहीं है. इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है कि हमारे सांसद और विधायक ने भी इस मामले में महज खानापूर्ति की है.
भाई वीरेंद्र, प्रवक्ता, आरजेडी स्थानीय विधायक ने किया प्रदर्शन का समर्थन
मनेर के विधायक और आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने इस आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि मनेर विधानसभा की जनता का मांग सही है और इसका मैं समर्थन करता हूं. जो दो साल पूर्व राज्य सरकार ने पटना रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर तैयार किया था. जिसमे में मनेर को जगह दी थी, लेकिन अचानक चुनाव आते ही मनेर के नगर क्षेत्र को अलग कर दिया गया. जिस डीपीआर में मनेर नगर के तमाम पर्यटन स्थल को शामिल किया गया था, उसे अब काटकर अलग कर दिया गया है. इसी कारण से मनेर की जनता काफी गुस्से में है.
'सरकार को सबक सिखाएगी जनता'
इसके साथ ही भाई वीरेंद्र ने यह भी कहा कि इस मुद्दे को लेकर कई बार हमने खुद मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. साथ ही साथ विभाग के मंत्री को भी पत्र लिखा है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है. यहां तक कि विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को उठाया फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई. मनेर विधानसभा आरजेडी का गढ़ रहा है इसी कारण से एनडीए की सरकार इस क्षेत्र से भेदभाव कर रही है. इस बार के विधानसभा चुनाव में यहां की जनता जरूर सबक सिखाएगी.