पटनाः लॉक डाउन के कारण जहां सब कुछ बंद है और लोग घरों में कैद हैं, वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद सिंह इस समय का बेहतरीन इस्तेमाल कर रहे हैं. अपने क्षेत्र के लोगों की समस्या के निष्पादन के साथ साथ-साथ वे अपनी आत्मकथा लिख रहे हैं. सदानंद सिंह ने बताया कि मेरी तरफ से सैकड़ों के समूहों में फंसे लोगों तक राहत पहुंचाई जा रही है.
लॉक डाउन के दौरान आत्मकथा लिख रहे हैं सदानंद सिंह - Chief Minister Nitish Kumar
सदानंद सिंह ने कहा कि बिहार सरकार के साथ-साथ उनके अधिकारी इस लॉक डाउन में फेल साबित हो रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि आम जनता को एक महीने की अतिरिक्त खाद्य सामग्री और राशन कार्ड धारियों के खाते में 1000 रुपये मुहैया करवाएंगे. लेकिन मेरे क्षेत्र के एक भी शख्स को बिहार सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है.
सदानंद सिंह कर रहे लोगों की समस्या का निष्पादन
लॉक डाउन का असर आम जनता के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों पर भी देखने को मिल रहा है. लॉक डाउन के दौरान जनप्रतिनिधि अपना समय कैसे गुजार रहे है. इस विषय पर जब हमने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि हमारा समय अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को सुनने और उसके निष्पादन में ही बीत जा रहा है. हमारे क्षेत्र के सैकड़ों के समूहों में जनता देश के कई अन्य राज्यों में फंसे हुए है. जिन्हें फोन के माध्यम से अपने दोस्त और करीबियों के सहयोग से उनके समस्याओं को हम निष्पादन कर रहे है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार के बाहर फंसे लोगों के बारे में जानकारी भी दे रहे है. साथ ही उन्होंने बताया कि इससे समय बचता है. तब हम अपनी आत्मकथा भी इस दौरान लिख रहे हैं.
लोगों तक पहुंचाई जा रही राहत
सदानंद सिंह ने कहा कि बिहार सरकार के साथ-साथ उनके अधिकारी इस लॉक डाउन में फेल साबित हो रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि आम जनता को एक महीने की एक्स्ट्रा खाद्य सामग्री और राशन कार्ड धारियों के खाते में 1000 रुपये मुहैया करवाएंगे, लेकिन हमारे क्षेत्र के एक भी आदमी को बिहार सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है.