पटना: बिहार के पटना हाईकोर्ट ने गया के चर्चित आदित्य कुमार सचदेवा हत्याकांड में उम्र कैद की सजा पाये राकेश रंजन यादव उर्फ रॉकी समेत अन्य लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का आदेश दिया है. जस्टिस ए एम बदर व जस्टिस हरीश कुमार की खंडपीठ ने राकेश रंजन यादव रॉकी व अन्य द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करने के बाद ये आदेश दिया.
Gaya Road Rage Case : रॉकी यादव समेत सभी आरोपी बरी.. पटना हाई कोर्ट ने उम्रकैद के फैसले को पलटा - benefit of doubt acquitted by Patna High Court
7 मई 2016 को हुई रोड रेज में आदित्य कुमार सचदेवा नाम के 18 साल के युवक की मौत के मामले में पटना हाईकोर्ट ने अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. साथ ही अर्थदंड की राशि भी लौटाने का निर्देश दिया है. निचली अदालत के उम्रकैद वाले फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.
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निचली अदालत के फैसले को HC में दी गई थी चुनौती: हाईकोर्ट ने गया के तत्कालीन एडिशनल सेशन जज 1 के 31 अगस्त, 2017 व 6 सितम्बर 2017 के आदेश को निरस्त करते हुए इन्हें रिहा करने का आदेश दिया, अगर उन्हें किसी दूसरे मामले में सजा नहीं मिली हो. कोर्ट ने उनके द्वारा दिये गये अर्थ दंड की राशि को भी वापस लौटाने का निर्देश दिया. निचली अदालत, गया के आदेश के विरुद्ध राजेश रंजन यादव उर्फ़ रॉकी, टेनी यादव उर्फ़ राजीव कुमार और राजेश कुमार ने पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की थी.
आरोपियों को बरी करने का आदेश : गौरतलब है कि 7 मई 2016 को एक रोड रेज की घटना में आदित्य कुमार सचदेव नाम के 18 वर्षीय युवक की मौत हो गयी. राजेश रंजन यादव उर्फ़ रॉकी व अन्य पर उनकी हत्या करने का आरोप लगा. इनका मुकदमा गया के एडिशनल व सेशन जज 1 की अदालत में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इन्हें इस हत्याकांड में दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई.
संदेह का मिला पटना हाई कोर्ट से लाभ: निचली अदालत के आदेश के विरुद्ध इन लोगों ने पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की. पटना हाईकोर्ट ने इनके विरुद्ध परिस्थितियों और प्रस्तुत साक्ष्यों को पर्याप्त नहीं माना. इन सभी को संदेह का लाभ देते हुए उम्र कैद की सजा से मुक्त कर दिया.