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ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव बोले- चुनाव से पहले बाढ़ में टूटी सड़कों का हो जाएगा निर्माण - ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल

ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि राज्य के जिन इलाकों में बाढ़ के कारण ग्रामीण सड़कों को क्षति हुआ है. सभी का आंकलन कर लिया गया है. कई सड़कों के निर्माण कार्य शुरू भी कर दिए गए हैं.

पटना
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Published : Aug 23, 2020, 4:26 PM IST

पटना:बिहार में इन दिनों करीब दो दर्जन से अधिक जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. बाढ़ के कारण ग्रामीण सड़क और संपर्क पथ हजारों गांवों को मुख्य सड़क से अलग कर देता है. इस बार भी बाढ़ के कारण तकरीबन 4,500 ग्रामीण सड़क बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

दरअसल, चुनावी साल होने के कारण बिहार सरकार जल्द से जल्द सभी क्षतिग्रस्त हुए सड़कों के निर्माण में अपने पूरे तंत्र को लगा दिया है. ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से सभी क्षतिग्रस्त हुई सड़कों का एस्टीमेट बना कर जल्द से जल्द शिलान्यास करने की तैयारी की जा रही है. वहीं ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यो की विस्तृत जानकारी दी.

पंकज कुमार पाल, सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग

'बाढ़ का प्रभाव ज्यादा है'
सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि राज्य के जिन इलाकों में बाढ़ के कारण ग्रामीण सड़कों को क्षति हुआ है. सभी का आंकलन कर लिया गया है. कई सड़कों के निर्माण कार्य शुरू भी कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि कई वर्षों की तुलना में इस बार अत्यधिक बारिश होने के कारण बाढ़ का प्रभाव भी ज्यादा है. जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की संख्या भी कई गुना बढ़ गई है.

'चुनाव आयोग के निर्देश का होगा पालन'
पंकज कुमार पाल ने कहा कि जिन इलाकों में बाढ़ का पानी नहीं है. वहां कार्य शुरू कर दिए गए हैं और जिन इलाकों में बाढ़ का पानी लगा हुआ है. वहां पर पानी निकलने का इंतजार किया जा रहा है. अधिक से अधिक मतदान केंद्रों तक मतदाताओं को पहुंचने के लिए ग्रामीण सड़क काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. जिसके लिहाज से ग्रामीण कार्य विभाग की जिम्मेवारी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विभाग पूरी सजगता बरते हुए है. वहीं उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के द्वारा जो निर्देश दिए जाएंगे, उसका भी पूरी तरीके से पालन होगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

बाढ़ के कारण ग्रामीण सड़कें हुई क्षतिग्रस्त
गौरतलब है कि बाढ़ के कारण बिहार के कई गांव मुख्य सड़क से पूरी तरह से कट चुके हैं. जिस कारण बिहार में सियासत भी गर्म है. विपक्षी दल सरकार पर इस मामले को लेकर कई बार हमला भी कर चुके हैं, क्योंकि चुनावी साल है और इस मुद्दे को सत्ता पक्ष या विपक्ष अभी अपने पाले में करना चाहते हैं. जिसके कारण तमाम टूटी हुई ग्रामीण सड़कों का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराने में सरकार जुटी है.

बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों का हाल एक नजर में...

  • राज्य में कुल 4,570 ग्रामीण सड़क क्षतिग्रस्त है.
  • जिनमें 1,125 क्षतिग्रस्त सड़कों को बना दिया गया है.
  • 910 ग्रामीण सड़कों का निर्माण कार्य जारी है.
  • 2,537 सड़कों पर अभी तक पानी लगा है, जिसके कारण कार्य शुरू नहीं हुआ है.
  • दरभंगा क्षेत्र में सबसे अधिक 826 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है.
  • समस्तीपुर में 126 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है.
  • पूर्णिया क्षेत्र में 433 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं.
  • छपरा में 570 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं.
  • किशनगंज में 425 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है.
  • सहरसा में 118 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है.
  • मधेपुरा में 116 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है.
  • मुजफ्फरपुर क्षेत्र में 685 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है
  • सीतामढ़ी क्षेत्र में 225 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है.
  • मोतिहारी में 440 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है.
  • बेतिया में 193 और सिवान में 278 ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है.

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