कार्यवाही का दूसरा दिन भी हंगामेदार पटना:बिहार विधान परिषद के दूसरे दिन का सत्र भी भारी हंगामेकी भेंट चढ़ गया. मंगलवार की सुबह जब सत्र की शुरुआत हुई तो बीजेपी के पार्षदों ने सबसे पहले शिक्षकों का मुद्दा उठाया और नारेबाजी की. जिसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही को दिन में 2:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
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शिक्षकों के मुद्दे पर रार: 2:30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी के पार्षदों ने फिर से भारी नारेबाजी की और वेल में आकर बैठ गए. जिसके बाद बुधवार तक के लिए कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया. सदन के स्थगित हो जाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से वरिष्ठ विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह और जनता दल यूनाइटेड की तरफ से मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने मोर्चा संभाला. इन दोनों ही विधान पार्षदों ने परिषद के पोर्टिको में मीडिया से रूबरू होते हुए बीजेपी पर जमकर आक्रमण किया.
"संकल्प में बीजेपी की तरफ से जीवन कुमार ने शिक्षकों के लिए प्रस्ताव दिया था और फिर उस बहस से भाग गए. भागने का औचित्य क्या है? अगर शिक्षकों की रहनुमाई करते तो राजकीय संकल्प से अलग मंतव्य दिया जाना बिल्कुल गलत है. सदन को बाधित किया जा रहा है. इसका मतलब कि उनको शिक्षकों की चिंता नहीं है. यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू
'बीजेपी शिक्षकों के मुद्दे पर नहीं करने दे रही बात':साथ ही नीरज कुमार ने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष की तरफ से सदन के प्रति जो आचरण पेश किया गया. उसके बाद सदन में निंदा प्रस्ताव पारित हुआ. यह संसदीय जीवन के लिए, किसी भी व्यक्ति के लिए कलंक का टीका है. सीएम ने कहा कि शिक्षकों के मसले पर हम बैठक करेंगे, लेकिन जो शिक्षकों की हितों का दावा करते हैं वह सदन को बाधित कर देते हैं.
'जनता इसका जवाब देगी':वहीं सुनील कुमार सिंह ने कहा कि संकल्प में अहम मामले लाए जाते हैं. जो लोग नारेबाजी कर रहे हैं सदन को बाधित कर रहे हैं, जो बैठकर अमर्यादित व्यवहार कर रहे हैं, आसन के प्रति उनका जो सम्मान होता है, वह सभी लोग देख रहे हैं. वह सीधे आसन के प्रति उंगली दिखा रहे हैं और धमका रहे हैं. सुनील कुमार सिंह ने बीजेपी के विधान परिषद सर्वेश कुमार के प्रस्ताव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इनका प्रश्न शिक्षा विभाग से संबंधित था, लेकिन उन्होंने इसे खत्म करा दिया मतलब कि इस पर चर्चा ही नहीं हुई.
"डॉ दिलीप जायसवाल का संकल्प था. इस पर भी कोई चर्चा नहीं हुई. अगर इनको जरा भी शिक्षकों के प्रति, प्रदेश की शिक्षा के प्रति जिम्मेदार होते हैं तो इस पर आज सदन में चर्चा होती."- सुनील कुमार सिंह, एमएलसी, आरजेडी
'नहीं बख्शे जाएंगे कानून तोड़ने वाले':सुनील कुमार सिंह का यह भी कहना था अगर कोई भी शिक्षक किसी भी तरह की विधि व्यवस्था की समस्या को उत्पन्न करेंगे तो उन पर जो भी विधि सम्मत कार्रवाई होती है, वह की जाएगी. यह नहीं शिक्षकों को गुंडा बोला जा रहा है. कोई भी कानून व्यवस्था को तोड़ेगा, वह चाहे कितना भी बड़ा और प्रभावशाली क्यों न हो तो यहां कानून का राज है. उनके ऊपर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
विपक्षी एकता पर शाहनवाज हुसैन ने कसा तंज:जदयू और राजद की तरफ से एक साथ हुए हमले के जवाब में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने दूसरे तरीके से जवाब दिया. उन्होंने अपने बयान में पश्चिम बंगाल का जिक्र करते हुए कहा कि वहां बम, गोली, बारूद की सरकार है. पंचायत चुनाव का जिक्र करते हुए शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इतने लोगों की हत्या हो रही है और एक शब्द भी नीतीश कुमार की तरफ से या महागठबंधन की तरफ से नहीं बोला जा रहा है. साथ ही शाहनवाज ने विपक्षी एकता पर भी निशाना साधा.
"जो लोग यहां लिट्टी चोखा खाए थे, वह बंगाल में आपस में लड़ रहे हैं. कैसी लिट्टी खिलाए कि आपस में लड़ रहे हैं और यहां भी महागठबंधन के लोग आपस में लड़ रहे हैं. बंगाल में कम्युनिस्ट और कांग्रेस, टीएमसी से लड़ रही है. फिर इस मीटिंग का क्या फायदा हुआ? लिट्टी चोखा बेकार हो गया. इतना खाकर भी गए और कोई काम नहीं किया."- शाहनवाज हुसैन, एमएलसी, बीजेपी
सम्राट चौधरी पर निंदा प्रस्ताव लाना गलत: शाहनवाज हुसैन ने आगे कहा कि जहां तक हमारे नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी के बारे में निंदा प्रस्ताव लाए हैं. वह पूरी तरह गलत और असंवैधानिक है. हाउस जब स्थगित कर दिया गया था तो खुद सभापति ने कहा कि यह नहीं चलेगा. जब उन्होंने कहा तो सम्राट चौधरी ने कहा कि पहले जो चलता था, वह चलेगा. इसमें निंदा प्रस्ताव लाना गलत है.
'शिक्षकों को नहीं दिया जा रहा सम्मान': वहीं निर्दलीय एमएलसी सच्चिदानंद राय भी बीजेपी के पार्षदों के साथ नारेबाजी करते हुए नजर आए. सदन के स्थगित हो जाने के बाद सच्चिदानंद राय ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को जिस तरीके से बर्बाद करने के लिए रोज नए-नए नियम और हथकंडे अपनाए जा रहे हैं उसी का एक हिस्सा है कि उनको सम्मान देने से दूर किया गया.
"नीतीश कुमार ने शिक्षकों से मिलने की बात कही है लेकिन यह ऐलान बरगलाने वाली बात है. उनकी यही सोच है कि सत्र निकल जाए. लाठी कोई पहली बार नहीं चली है. कुछ दिन पहले अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज हुआ था. उसके पहले भी कुछ आंदोलनकारियों पर लाठी चली थी. सरकार की दमनकारी नीति को जनता देख रही है और इसका जवाब उनको जल्द मिलेगा."- सच्चिदानंद राय, एमएलसी