पटना:रेलवे ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध सॉफ्टवेयर के जरिए रेलवे की तत्काल टिकटों की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है. रैकेट का मास्टर माइंड गुलाम मुस्तफा बेंगलुरु से गिरोह ऑपरेट कर रहा था.
आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया कि, ऑर्गनाइज्ड रैकेट का मास्टरमाइंड गुलाम मुस्तफा से जुड़े देश भर में फैले तमाम एजेंट एएनएमएस नाम के सॉफ्टवेयर के जरिए रेल टिकट बुक किया करते थे. यह गिरोह पहले सॉफ्टवेयर को डेवलप करता है और एजेंटों से संपर्क कर उन्हें एएनएमएफ सॉफ्टवेयर बेचे जाते थे.
बेंगलुरु से गिरफ्तार हुआ था मुस्तफा
पिछले कुछ हफ्तों में आरपीएफ ने गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें गुलाम मुस्तफा भी शामिल है. इसे 19 जनवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद आईबी, स्पेशल ब्यूरो, ईडी, एनआईए और कर्नाटक पुलिस ने मुस्तफा से पूछताछ की. मुस्तफा की निशानदेही पर इसके बाद कई और गिरफ्तारिया हुई.
सेकेंड में बिक जाते थे तत्काल टिकट
डीजी ने बताया कि, इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही तत्काल टिकटों की बुकिंग शुरू होने से पहले ही यात्रियों की पूरी जानकारी को टाइप कर लिया जाता था. आईआरसीटीसी बॉलेट में जमा राशि के आधार पर लाइन खुलते ही तत्काल टिकट सेकेंड में बुक करा लिए जाते थे.
80 गिरफ्तार, 10 करोड़ के टिकट बरामद
डीजी अरुण कुमार ने बताया कि इस गोरखधंधे के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सॉफ्टवेयर सप्लाई करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अब तक कुल 80 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इनसे 10 करोड़ के टिकट बरामद किए गए हैं. फिलहाल, रेलवे के ऑपरेशन के बाद दावा किया जा रहा हैं कि तत्काल टिकट अब आम लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध होगी. आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने कहा है कि रेलवे तत्काल टिकट के कालाबाजारी रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और कई कदम उठा रही है.
कौन है गुलाम मुस्तफा?
- झारखंड के गिरीडीह का रहने वाला है गुलाम मुस्तफा.
- पढ़ाई-लिखाई ओडिशा के केन्द्रपाड़ा के मदरसों में हुई है.
- जनवरी 2020 पुलिस ने ओडिशा से गिरफ्तार किया था.
- 2015 में रेलवे के काउंटर टिकट की दलाली शुरू की.
- सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग ली और ई-टिकटों की कालाबाज़ारी से जुड़ गया.
- बेंगलुरु से ई-टिकट फर्जीवाड़ा का गिरोह का संचालन कर रहा था.
- गुलाम मुस्तफा गिरोह, रेलवे के टिकट बुकिंग के सॉफ्टवेयर में घुसपैठ करता था.