पटना:तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव (Tarapur and Kusheshwarsthan By-election) को लेकर आरजेडी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव(Lalu Prasad Yadav) का नाम भी शामिल है, लेकिन वो प्रचार करने आएंगे या नहीं इस पर स्पेंस कायम है. राबड़ी देवी (Rabri Devi) ने जहां स्पष्ट कर दिया है कि वे अभी बिहार नहीं आएंगे. वहीं उनकी बेटी रोहिणी आचार्य(Rohini Acharya) ने ट्वीट कर ऐलान कर दिया है कि उनके बिहार आने में अब देर नहीं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इतना कनफ्यूजन क्यों है?
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दरअसल चारा घोटाला (Fodder Scam) मामले में जेल से रिहा होने के बाद से लालू यादव अब तक बिहार नहीं लौटे हैं. दिल्ली में बड़ी बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) के आवास पर ही रुके हुए हैं. एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों की सलाह पर इलाज करवा रहे हैं. हालांकि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) से लेकर लालू यादव खुद भी कई बार कह चुके हैं कि वो जल्द ही पटना आएंगे, लेकिन फिर स्वास्थ्य कारणों से उनके आने का कार्यक्रम टल जाता है.
अभी जब बिहार की दो विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. इसको लेकर आरजेडी के 20 नेताओं के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में लालू का नाम भी शामिल किया गया है. पार्टी के नेता लगातार ये बयान दे रहे हैं कि लालू यादव तारापुर और कुशेश्वरस्थान में चुनाव प्रचार करेंगे और अपने उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेंगे. मगर गुरुवार को जब राबड़ी देवी पटना से दिल्ली जा रही थीं, तभी उन्होंने लालू के प्रचार करने लिए बिहार आने की खबरों पर विराम लगा दिया. राबड़ी देवी ने कहा, 'लालू यादव बीमार हैं और उनका दिल्ली में इलाज चल रहा है. ऐसे में वो अभी बिहार नहीं आएंगे.'
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वहीं एक दिन बाद ही उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर विरोधियों को ललकारा है और ये बताया है कि लालू जल्द ही बिहार आ रहे हैं. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, लालू जी की है ललकार जमानत जब्त कराओ जनादेश चोरों को अबकी बार...
वहीं, दूसरे ट्वीट में लिखा, भ्रष्टाचारियों के भीष्म पितामह, अब तेरी खैर नहीं. गरीबों के मसीहा को, बिहार आने में अब देर नहीं...'
लालू उपचुनाव में प्रचार करने आएंगे या नहीं? राबड़ी की मानें तो नहीं आएंगे और रोहिणी के ट्वीट पर यकीन करें तो लालू प्रचार करने आएंगे. अब सवाल उठता है कि पार्टी और परिवार में ही दो तरह के बयान क्यों दिए जा रहे हैं, आखिर कनफ्यूजन की स्थिति क्यों है? क्या लालू फैमिली कोई फैसला नहीं ले पा रही है या जान-बूझकर कनफ्यूजन क्रिएट करने की कोशिश की जा रही है.
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राजनीति के कहते हैं कि लालू आएंगे या नहीं, यह तो वे और उनके परिवार के लोग ही जानते हैं, लेकिन अगर नहीं आएंगे जानते हुए भी बार-बार ऐसे बयान दिए जा रहे हैं तो जाहिर तौर पर पार्टी और परिवार को लगता है कि इससे एक माहौल तो बनता ही है. दरअसल लालू के आने की खबर मात्र से ही आरजेडी के कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार हो गया है, वहीं विरोधी खेमे में भी एक किस्म की बेचैनी देखी जा सकती है. आरजेडी और लालू परिवार को ये भी लगता है कि अगर आखिरी वक्त तक लालू के बिहार आने की बात होती रहेगी तो उपचुनाव में मतदाताओं को भी उनका इंतजार रहेगा.
वहीं, लालू के फिलहाल बिहार नहीं आने को लेकर सियासी जानकार सेहत के साथ-साथ सियासी रणनीति का भी हिस्सा मानते हैं. यह भी माना जाता है कि दो सीटों के लिए लालू प्रचार करने आएंगे और अगर पार्टी को अपेक्षित परिणाम नहीं मिलता है तो एनडीए को उनपर हमला करने का एक और मौका मिल जाएगा. वैसे भी लालू के आने की चर्चा शुरू होते ही विरोधी खेमे की ओर से लगातार ये याद दिलाई जाने लगी है कि लालू के रहते भी आरजेडी 2009 और 2010 का चुनाव बुरी तरह से हार चुका है. ऐसे में जाहिर है पार्टी हर नफा-नुकसान का आकलन करने में जुटी है, लेकिन तबतक कनफ्यूजन की पॉलिटिक्स कर तेजस्वी से लेकर रोहिणी आचार्य तक एनडीए को ललकार भी रहे हैं और चेतावनी भी दे रहे हैं कि लालू एनडीए को धूल चटाने और जनादेश चोरों के राजा भ्रष्टाचारी नीतीश कुमार को सबक सिखाने आ रहे हैं.