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RLSP महासचिव ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना, बोले- बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री तोड़ें चुप्पी - aes

फजल इमाम मल्लिक ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को मजुफ्फरपुर मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. उन्हें राय लेनी चाहिए कि आखिर इस पर सरकार को क्या करना चाहिए. क्योंकि अबतक 101 बच्चों की मौत हो चुकी है.

फजल इमाम मल्लिक, रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता

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Published : Jun 16, 2019, 4:01 PM IST

पटना:राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से चमकी बुखार से बच्चे की मौत हो रही है और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस मामले पर मुख्यमंत्री को चुप्पी तोड़नी चाहिए. उन्हें खुद से इस मामले को देखना चाहिए. जिससे कि इलाज के लिए और भी बेहतर व्यवस्था हो सके.

फजल इमाम मल्लिक ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को फौरन सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. उन्हें राय लेनी चाहिए कि आखिर इस पर सरकार को क्या करना चाहिए. सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं का क्या हाल है. कहीं लू लगने पर दर्जनों लोग मर जाते हैं तो कहीं चमकी बुखार से बच्चे मर रहे हैं. सिर्फ और सिर्फ दिखावे के लिए केंद्रीय मंत्री हो या बिहार के मंत्री वहां पर जाते हैं. कोई कुछ उपाय नहीं करते हैं. निश्चित तौर पर इस तरह की घटना शोध का विषय है कि लगातार 5 सालों से क्यों नहीं इस बीमारी पर कोई काम किया गया. यह बीमारी क्यों नहीं रुक रही है. बच्चे की मौत लगातार किस वजह से हो रही है. सरकार को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए काम करना चाहिए.

फजल इमाम मल्लिक, रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता

अब तक 101 की हो चुकी है मौत

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर में प्रचंड गर्मी के बीच चमकी बुखार से मौतों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. शनिवार की सुबह से देर रात तक 18 और बच्चों की मौत हो गई. जिसमें 14 की मौत एसकेएमसीएच और चार की मौत कांटी पीएचसी में हुई. ऐसे में अब तक चमकी बुखार से मरने वालों का आंकड़ा 101 पहुंच गया है. इसके अलावा एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में देर रात तक 54 नये मरीज भर्ती हुए हैं. जिनमें एसकेएमसीएच में 34 और केजरीवाल में 20 नये बच्चे भर्ती कराये गये हैं. अब तक चमकी बुखार के 297 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें 101 बच्चों ने दम तोड़ दिया है. हालांकि विभागीय रिपोर्ट के अनुसार अभी 220 मामले ही सामने आए हैं. जिनमें 62 बच्चों की मौत हुई है.

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