पटना में आयोजित प्रेसवार्ता में मौजदू जगदानंद सिंह, शिवानंद तिवारी व शिक्षां मंत्री चंद्रशेखर. पटनाः बिहार में रामचरितमानस को लेकर शिक्षा मंत्री का बयान से पूरे देश में राजीनित माहौल गरम है. विपक्ष के साथ साथ कवि, लेखक और साधु भी इसका विरोध कर रहे हैं. इस अंतराल में RJD का एक प्रेंस कांफ्रेंस किया गया, जिसमें RJD के प्रदेश उपाध्यक्ष जगदानंद सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी और खुद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर भी रहे. जगदानंद सिंह ने कहा कि चंद्रशेखर ने कोई गलत नहीं बात नहीं कही है. उन्होंने रामायाण को गलत नहीं बताया है. बस कुछ लाइन कही है जो वास्तव में ऐसा है.
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चंद्रशेखर ने कोई गलत बात नहीं कही है. उन्होंने रामायण के बारे में गलत नहीं कहा है. उन्होंने सिर्फ कुछ लाइन बताई है. जो वास्तव में ऐसा है.लोहिया ने कहा था रामायण में बहुत अच्छी बात है लेकिन कचरा भी है. इसी के बारे में बताया गया है. जो लोग इसी निंदा करते हैं वे गंदे लोग है.-जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष RJD
डॉक्टर लोहिया ने जो कहा था मेरे पास हैः RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि भूलिए मत, मैंने जो कहा उसके शब्दों को समझिए. जो इस बिहार और देश की आवश्यकता होती है, समाजवादी उसके लिए संघर्ष करता है. हम किसी पर हक के लिए नहीं छोड़ते. लेकिन जलालत में पड़ी हुई आबादी को आगे बढ़ाने के लिए हम बात करते हैं. देश बढ़ाने की बात करते हैं. मंडल कमीशन हमारा क्या है. डॉक्टर लोहिया ने क्या कहा था? उन्होंने राम और रामायण के बारे में भी कहा था, इसका लिखित है मेरे पास.
रामायण में बहुत अच्छी बात है लेकिन कचरा भी हैः जगदानंद ने कहा कि लोहिया ने कहा था रामायण में बहुत अच्छी बात है लेकिन कचरा भी है. कचरे को साफ करते हुए कभी मोती को बाहर नहीं फेंका जाता. भारत की जनता में भी बहुत कुछ है, लेकिन जो कचरा है उस कचरे को साफ करना पड़ेगा. जो सवाल हमारे शिक्षा मंत्री ने उठाया है. जो कचरे के पक्षधर हैं. वह इंसानियत के पक्षधर हैं. जो हीरा मोती के पक्षधर हैं, वह इंसानियत के विरोधी कैसे हैं?. जगदानंद सिंह यहीं तक नहीं रुके. उन्होंने मीडिया के सामने डॉक्टर राम मनोहर लोहिया द्वारा लिखित किताब को पढ़कर भी सुनाया. कहा कि देश में निंदा नहीं हो रही है, बल्कि गंदे लोग निंदा कर रहे हैं, हम अच्छे लोग हैं.
घृणा और नफरत फैलाने की बात नहीं कहीः राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि उन्होंने घृणा और नफरत फैलाने की बात नहीं कही थी. गांधी और लोहिया रामायण मेला लगाते थे. महात्मा गांधी ने भी राम को आदर्श माना है. उन्होंने यह कहा कि अगर मरने के बाद मेरे मुंह से हे राम नहीं निकलेगा तो माना जाएगा कि मैं राम भक्त नहीं हूं. मैं इस बयान से इत्तेफाक रखता हूं कि जगदानंद सिंह ने कहा कि इसमें हीरा मोती भी है और कूड़ा कचरा भी है. अगर हम इस तरह की बात करेंगे की रामायण सिर्फ घृणा फैलाता है, तो मैं व्यक्तिगत रूप से इस बयान से सहमत नहीं हूं.
मीटिंग में तय होगा फैसलाः शिवानंद ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि पार्टी के अंदर भी इस मामले पर विचार हुआ है. पार्टी इसका समर्थन करेगी, ऐसी कहीं कोई बात नहीं हुई है. शिवानंद तिवारी का यह भी कहना था कि इस तरह का मेजर डिसीजन होता है. मैं भी पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हूं. फिर मीटिंग में तय होना चाहिए. उस मीटिंग में डिप्टी सीएम तेजस्वी भी रहेंगे. बाबा साहब अंबेडकर ने मनुस्मृति को जलाया है. उसी तरह से मान लिया कि चंद्रशेखर जी यह राय रखते हैं कि उसमें शूद्रों के बारे में, महिलाओं के बारे में किस तरह की बात दी गई है.
गेरुआ वस्त्र पहनकर नकली साधु घृणा फैलाते हैंःतिवारी ने कहा कि 10 करोड़ देने की बात कह रहे हैं. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए. इस तरह से किसी के खिलाफ हिंसा फैलाने का अधिकार किसने दिया? इस देश में कानून का शासन है या नहीं? हम किसी को कहेंगे कि इनका गर्दन उतार दीजिए यह कहने का अधिकार है मुझे? यह कहना दंडनीय अपराध है. इसलिए जो नकली साधु है, गेरुआ वस्त्र पहनकर समाज में घृणा और नफरत फैलाने वाले लोग हैं. धर्म के नाम पर अधर्म फैलाने वाले लोग हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
प्रोफेसर चंद्रशेखर ने मांग सबूतः प्रेस वार्ता में मौजूद प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि आप दिखाएं वीडियो जो मैंने बोला है. मैंने रामचरितमानस की कुछ छंद का विरोध किया था. बता दें कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में रामायण के कुछ पक्ति पढ़कर बताया था. जिसमें कहा था कि यह पंक्ति समाज में घृणा फैलाता है. जिसके बाद पूरे देश में इस बयान को लेकर घमासान मच गया था.