पटनाः बिहार विधानसभा घेरावके दौरान बीते 23 मार्च को राजधानी पटना की सड़कों पर हुए हंगामे को लेकर सत्तापक्ष और महागठबंधन आमने सामने है. इस उत्पात के बाद जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तल्ख तेवर में दिखे, तो वहीं समूचा राजद खेमे में नाराजगी देखी जा रही है. बिहार विशेष सशस्त्र बल कानून का विरोध थमता नजर नहीं आ रहा है. राजद के वरिष्ठ नेता होली के बाद बाद 'करो या मरो' जैसे आंदोलन की तैयारी में हैं.
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क्या हुआ था उस दिन ?
आपको बताते चलें कि आरजेडी ने बीते 23 मार्च को बिहार विधानसभा घेराव की घोषणा की थी, लेकिन कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन के तहत प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद जब आरजेडी ने नेता-कार्यकर्ता व समर्थक आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरे तो पुलिस ने उन्हें रोका. फिर, जबरदस्त हंगामा हो गया. मारपीट व पथराव को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. कहीं प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया गया, तो कहीं राजद जैसी पार्टी पर मनमानी करने के आरोप लगाए गए.
तेज-तेजस्वी समेत 22 लोग नामजद आरोपी
हंगामे की घटना के सिलसिले में तेजस्वी यादव व उनके भाई तेज प्रताप यादव सहित 22 लोगों को नामजद आरोपित बनाया गया है. उनके खिलाफ हत्या की कोशिश का आरोप लगाया गया है. आंदोलनकारियों के खिलाफ हत्या की कोशिश सहित अन्य संगीन आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज करने से आरजेडी में नाराजगी है.