पटना: बिहार में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. भाजपा की डिजिटल रैली के बाद से जनता दल यूनाइटेड भी डिजिटल मोड में चुनावी तैयारी कर रहा है. इसको लेकर राजद ने सीएम नीतीश पर जोरदार हमला बोला है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पूरे बिहार में संक्रमण भायावह रूप से फैल रहा है. लेकिन सरकार को इन सबसे पड़े चुनाव की पड़ी हुई है.
'जनता भगवान भरोसे'
राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कोरोना काल में बिहार सरकार ने जनता को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है. लोगों की सही तरीके से कोरोना जांच नहीं हो पा रही है और ना ही संक्रमित मरीजों का सही से इलाज हो पा रहा है. लेकिन जदयू और भाजपा को चुनाव की पड़ी हुई है. इससे सरकार की संवेदनहीनता सामने आती है.
'वीआईपी लोगों को बचाने में जुटी हुई है सरकार'
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजी से फैल रहे संक्रमण के बीच लोगों को भगवान भरोसे उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. सरकार और प्रशासन केवल वीआईपी लोगों की सेवा में जुटा हुआ है. राजद नेता ने कहा कि प्रदेश में वीआईपी लोगों का इलाज तो सही तरीके से हो रहा है. उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट भी समय पर आ रही है. लेकिन आम लोगों को सरकार ने सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया है. उन्होंने बताया कि ऐसे समय में जहां इतनी परेशानी और हताश है. तो इस काल में भी नीतीश कुमार वर्चुअल रैली की तैयारी कर रहे हैं.
साल के अंत तक बिहार विधानसभा चुनाव
गौरतलब है कि, बिहार को देश की सियासत की धूरी कहा जाता है. प्रदेश में सत्ता का फेरबदल सीधे केंद्र सरकार पर अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावी रहता है. साल के अंत तक बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव भले ही बिहार में हो लेकिन इसकी चर्चा अभी से ही देशभर में होने लगी है. चुनाव के मद्देनजर बिहार के सभी सियासी दल और गठबंधन अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए कमर कस चुका है.
जहां जेडीयू-बीजेपी और एलजेपी नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है. वहीं तेजस्वी महागटबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं. तेजस्वी के चेहरे के पीछे कांग्रेस और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी हैं. हालांकि, जीतन राम मांझी इन दिनों तेजस्वी को आंखे दिखा रहे हैं.