पटना/दिल्ली:आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव(RJD Supremo Lalu Yadav) किडनी की बीमारी से ग्रसित हैं. अपने इलाज के लिए सिंगापुर गए हुए थे. डॉक्टरों के परामर्श के बाद वो 13 दिन बाद दिल्ली लौटे. बता दें कि लालू यादव 11 अक्टूबर को सिंगापुर रवाना हुए थे. दीपावली की रात में लालू यादव दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे जहां से सीधे वो मीसा भारती के घर पहुंचे. उनके ही आवास पर रुके. सिंगापुर में लालू यादव अपनी बेटी रोहिणी आचार्य के घर पर ठहरे हुए थे. इलाज कराने के लिए लालू के साथ मीसा भारती भी सिंगापुर गई हुईं थीं.
ये भी पढ़ें- सिंगापुर में लालू प्रसाद यादव का शुरू हुआ इलाज, किडनी की बिमारी से जुझ रहे हैं RJD सुप्रीमो
चारा घोटाल में सजायाफ्ता हैं लालू: गौरतलब है कि चारा घोटाला केस में सजायाफ्ता लालू यादव 11 अक्टूबर को किडनी के इलाज के लिए सिंगापुर गए थे. लालू यादव ने इलाज करवाने के लिए सीबीआई की विशेष अदालत में जमा पासपोर्ट को लेने के लिए याचिका लगाई थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने मंजूरी दी थी. विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए विदेश जाने की सशर्त इजाजत दी थी.
फिर सिंगापुर जा सकते हैं लालू यादव: बता दें की इसी कारण लालू यादव को 24 अक्टूबर की रात को लौटना पड़ा था. 25 अक्टूबर तक ही उनको देश से बाहर रहने की इजाजत कोर्ट के द्वारा दी गई थी. बता दें कि लालू यादव के करीबियों ने बताया कि सिंगापुर के डॉक्टरों की परामर्श के आधार पर उनको फिर सिंगापुर इलाज कराने के लिए जाना पड़ सकता है.
सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट की है बेहतरीन सुविधाः सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट की बेहतरीन सुविधा है. जितने लोगों की किडनी ट्रांसप्लांट की गई है, उसकी सफलता का औसत काफी अच्छा है. अगर जीवित डोनर से किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता है तो उसकी सफलता दर 98.11 फीसदी है. जबकि डेथ डोनर से किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता दर 94.88 फीसदी है. वहीं, भारत में किडनी ट्रांसप्लांट का सक्सेस रेसियो देखें तो ये करीब 90 फीसदी है. जीवित व्यक्ति से किडनी ट्रांसप्लांट कराने पर 12-20 साल और मृत व्यक्ति से किडनी ट्रांसप्लांट कराने पर 8-12 साल तक जीवन अवधि बढ़ जाती है.