विपक्षी एकता की बैठक से पहले आरजेडी ने लालू को बताया किंगमेकर पटना: बिहार ही नहीं बल्कि देशी की राजनीति में 23 जून का दिन अहम है. इस दिन पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होने जा रही है. लेकिन, बैठक से ठीक पहले बुधवार को लालू प्रसाद यादव अचानक देर रात मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए. नीतीश कुमार से बंद कमरे में आधे घंटे से भी अधिक बातचीत की है. इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. लालू नीतीश की इस मुलाकात पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि ''आखिर क्यों लोग कयास लगा रहे हैं. लालू प्रसाद यादव बीजेपी नेताओं से मिलने गए हैं क्या?''
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'लालू विपक्षी एकता के आर्किटेक्ट': आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा गैर बीजेपी दलों को एकजुट करने का बीड़ा लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही उठाया है, तो क्या तैयारी है इसके लिए मिलने गए थे. लालू प्रसाद यादव की इस बैठक को लेकर क्या भूमिका है? तो मृत्युंजय तिवारी ने कहा लालू प्रसाद यादव, गैर बीजेपी, विपक्षी दलों की एकजुटता के सबसे बड़े आर्किटेक्ट माने जाते हैं. लालू प्रसाद यादव की महत्वपूर्ण भूमिका है, इससे कौन इनकार कर सकता है?
''गैर भाजपा दलों के सभी नेता पटना आ रहे हैं. हम भाजपा मुक्त भारत बनाने के लिए बैठक कर रहे हैं. लालू यादव जी विपक्षी एकजुटता के सबसे बड़े आर्किटेक्ट हैं. भाजपा के खिलाफ जो लड़ाई लालू ने आडवाणी का रथ रोककर शुरू की थी अब नरेंद्र मोदी का रथ रोककर नीतीश करेंगे.''-मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी
किंगमेकर की भूमिका में लालू : क्या लालू प्रसाद यादव इस बार भी किंगमेकर की भूमिका निभा रहे हैं? मृत्युंजय तिवारी ने कहा लालू जी हमेशा किंग मेकर रहे हैं. आडवाणी जी की रथ को लालू प्रसाद ने रोका था, अब नरेंद्र मोदी का रथ नीतीश कुमार रोकेंगे. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक में बड़े नेताओं के बीच किस प्रकार से रोड मैप बने, बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए इस पर चर्चा करेंगे. बैठक के बाद आप लोगों को भी जानकारी दी जाएगी.
23 जून को पटना में बैठक : विपक्षी एकता की बैठक में 18 दलों के प्रमुख पहुंच रहे हैं. इसके लिए कई दलों के नेता पटना में लैंड कर चुके हैं. इस बैठक में ये तय होगा कि किस तरह से गैर बीजेपी दल मिलकर नरेंद्र मोदी को दूर रखने में कामयाब होंगे. विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन होगा? इसमें शामिल दलों का कॉमन नीति क्या होगी? इन सब मुद्दों पर सहमति बन गई तो बिहार से देश की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा.