पटना:भगवान राम को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझीके बयान (Jitan Ram Manjhi Statement on God Ram) पर बिहार में सियासी बयानबाजी जारी है. राजद के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि भगवान राम को मानना और नहीं मानना अलग बात है, लेकिन जीतन राम मांझी को एनडीए में रहकर ऐसा बयान नहीं देना चाहिए.
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भाई वीरेंद्र ने कहा, 'मांझी पहले एनडीए से अलग हो जाएं तब इस तरह की बात करें. कुछ राजनीतिक दल भगवान राम को लेकर राजनीति करते हैं जबकि भगवान राम सभी के हैं. हिन्दू-मुसलमान और भगवान राम को लेकर ही उनकी सियासी दुकानदारी चल रही है. वैसे लोग मांझी के बयान पर कैसी प्रतिक्रिया दे रहे हैं इसे जनता देख रही है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर बीजेपी द्वारा चलाये गए सेवा समर्पण सप्ताह को भाई वीरेंद्र ने नाटक बताया. उन्होंने कहा कि जिस तरह दिन ब दिन बेरोजगारी बढ़ रही है और किसानों के लिए काला कानून बनाये गए हैं इसको देखकर लगता है कि प्रधानमंत्री किसी भी वर्ग के लिए कोई काम करने में सक्षम नहीं हैं.'
"बीजेपी के कार्यकर्ता लोगों को बरगलाने के लिए सेवा समर्पण सप्ताह मना रहे हैं. जनता महंगाई से त्रस्त है और ये लोग दिखावे के लिए समर्पण की बात करते हैं. वे लोग जनता को लूटने के प्रति समर्पित हो चुके हैं. सेवा समर्पण सप्ताह जनता के लूट को लेकर मनाया जा रहा है."- भाई वीरेंद्र, मुख्य प्रवक्ता, राजद
बता दें कि जीतन राम मांझी ने प्रभु राम के अस्तित्व को काल्पनिक बताते हुए कहा था कि श्री राम कोई जीवित और महापुरुष थे, ऐसा मैं नहीं मानता हूं. हालांकि रामायण की कहानी में जो बातें बताई गईं हैं, वो सीखने लायक हैं. महिलाओं की बात हो या फिर अपने से बड़ों के आदर और सम्मान की बात हो, रामायण हमें शिक्षा देती है.
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