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Anand Mohan Release : 'सुशील मोदी बिहार की राजनीति का नमूना, हालत देखकर मोह लगता है'- शिवानंद

आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बीजेपी नेताओं के दोहरे रवैये खासकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी को लेकर आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने जोरदार हमला किया. उन्होंने उनके पुराने बयानों को याद दिलाते हुए उन्हें राजनीति का नमूना तक कह डाला. पढ़ें पूरी खबर-

BJP MP Sushil Modi
RJD Senior Leader Shivanand Tiwari

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Published : Apr 27, 2023, 6:52 PM IST

पटना : आनंद मोहन की रिहाई को लेकर राज्य में जारी सियासी उठापटक के बीच राष्ट्रीय जनता दल ने पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के ऊपर हमला बोला है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी में गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा है कि- 'सुशील मोदी बिहार की राजनीति का नमूना हैं'

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शिवानंद का सुशील मोदी पर तंज के तीर: दरअसल, शिवानंद तिवारी ने गुरुवार को एक अखबार में छपे सुशील कुमार मोदी के उस बयान को शेयर करते हुए कहा कि ''कैसे तब सुशील कुमार मोदी आनंद मोहन की रिहाई के लिए पहल करने की बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कर रहे थे. शिवानंद तिवारी ने अपने बयान में सुशील कुमार मोदी के उस बयान को कोट भी किया जब सुशील मोदी ने यह कहा था कि जब राजीव गांधी की हत्या में दोषी पाए गए लोगों को रिहा किया जा सकता है, तो पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई भी संभव है. इसके लिए राज्य सरकार को कानून का पालन करते हुए गंभीरता से पहल करनी चाहिए.

शिवानंद ने सुशील मोदी को याद कराया पिछला बयान: शिवानंद तिवारी यहीं तक नहीं रुके बल्कि उन्होंने सुशील मोदी के उस बयान के बारे में बताया कि तब सुशील मोदी ने कहा था कि''यद्यपि कृष्णैया हत्याकांड में भीड़ को उकसाने या हत्या के अपराध में आनंद मोहन सीधे तौर पर दोषी नहीं थे, फिर भी उन्हें उम्र कैद की सजा हुई. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा. आनंद मोहन जब 14 साल से अधिक की सजा काट चुके हैं और बंदी के रूप में उनका आचरण भी अच्छा रहा है, तब उन्हें रियायत देकर रिहा करने के कानूनी विकल्पों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए. आनंद मोहन एनडीए के पुराने साथी रहे हैं. उन्होंने नीतीश कुमार के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था. एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना आनंद मोहन जी के जीवन और परिवार पर बहुत भारी पड़ी. उन्हें मुक्ति मिलनी चाहिए ताकि वे सार्वजनिक जीवन में योगदान कर सकें.''


'सुशील की हालत देखकर लगता है मोह' : शिवानंद तिवारी ने यह भी कहा कि सुशील मोदी बिहार की राजनीति में एक नमूना हैं. रोज बोलने और छपने के रोग के शिकार हैं. बोलने की झोंक में यह याद नहीं रहता है कि आज जो बोल रहे हैं, इसी मुद्दे पर इसके पहले हमने क्या कहा था? एक ही विषय पर दो विपरीत राय का नमूना है ऊपर का दोनों बयान. सुशील मेरा जेलीहा (जेल में साथ रहने वाला) है. दो तीन महीना हमलोग एक साथ बांकीपुर जेल में रहे हैं. उस प्रकरण की कहानी फिर कभी. लेकिन सुशील की हालत देखकर मोह लगता है.

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