पटनाःविधानसभा में विभिन्न समितियों के गठन की घोषणा हो चुकी है. 22 समितियों में राजद बीजेपी जदयू नेताओं को प्रमुख रूप से जगह दी गई है. हालांकि समितियों के चयन को लेकर राजद में नाराजगी है.
राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं का कहना है कि स्पीकर ने राजद के हिस्से में एक भी अच्छी कमेटी नहीं दी है. जितनी महत्वपूर्ण समितियां हैं, वह सभी बीजेपी और जदयू के हिस्से में गई हैं. हालांकि इसे लेकर कैमरे के सामने बोलने को कोई तैयार नहीं है.
'विपक्ष के नेता को जानकारी देनी चाहिए'
इधर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने बताया कि जब स्पीकर कमेटियां बनाते हैं तो इसके लिए उन्हें विपक्ष के नेता को जानकारी देनी चाहिए कि कौन-कौन सी कमेटी उनके हिस्से में आ रही है. इसके बाद विपक्ष के नेता अपने नेताओं के रुचि के हिसाब से और उनकी विशेषज्ञता के हिसाब से कमेटियों में जगह देने की सलाह देते हैं.
'कोई नेता खुलकर बोलने को तैयार नहीं'
विपक्ष को जानकारी नहीं देने कीबात को लेकर विवाद छिड़ा था. हालांकि कमेटी बन जाने के बाद अब कोई नेता इस पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. विवाद इसी बात को लेकर था कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव चाहते थे कि उन्हें स्पीकर की तरफ से यह बताया जाए कि कौन-कौन सी कमेटी विपक्ष के हिस्से में आ रही है. जिसमें सभापति राजद का होगा ताकि नेता प्रतिपक्ष अपने दल के नेताओं की विशेषज्ञता के मुताबिक उन्हें सभापति या सदस्य बनाने की सिफारिश कर सकें.
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किस कमेटी में किसे मिली जगह
बिहार विधानसभा के सभापति की तरफ से जो 22 समितियों की घोषणा हुई है उनमें राजद से सुरेंद्र कुमार यादव को पब्लिक अकाउंट्स कमिटी का सभापति बनाया गया है. जबकि गैर सरकारी विधेयक और संकल्प समिति का सभापति तेज प्रताप यादव को बनाया गया है.
इनके अलावा जो महत्वपूर्ण कमेटियां हैं, उनमें ज्यादातर में भाजपा के नेताओं को जगह मिली है. प्रमुख तौर पर प्राक्कलन समिति और सरकारी उपक्रमों की समिति के साथ आचार समिति का सभापति भी बीजेपी के नेताओं को बनाया गया है.