पटना:चारा घोटाला (Fodder Scam Case) से जुड़े डोरंडा ट्रेजरी मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव(RJD President Lalu Yadav) को 5 साल की सजा सुनाई गई है, जिसके बाद से वह जेल में हैं. हालांकि स्वास्थ्य कारणों से रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं. इस बीच उनकी ओर से झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है. लालू के वकील देवार्षी मंडल ने जमानत याचिका को कोर्ट से विशेष श्रेणी में शामिल कर जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया था. इस याचिका में उनकी उम्र और बीमारियों का हवाला दिया गया है. शुक्रवार यानी 4 मार्च को उनकी अर्जी पर सुनवाई होगी.
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आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव की जमानत याचिका में उनके अधिवक्ता की ओर से उनकी बढ़ती उम्र (73 साल), 17 बीमारियों का हवाला देने के साथ-साथ चारा घोटाले के मामले में आधी से अधिक सजा जेल में काट लेने को आधार बनाया गया है. लालू के परिवार और पार्टी के लोगों को उम्मीद है कि 4 तारीख को उनको बेल मिल जाएगी और वे घर में होली मना पाएंगे.
पहला केस- चाईबासा कोषागार, 37.7 करोड़ का घोटाला:चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था. लालू समेत इन आरोपियों पर चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था. इस मामले में 3 अक्टूबर 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. लालू प्रसाद को 5 साल की सजा हुई थी.
दूसरा केस- देवघर कोषागार, 84.5 लाख का घोटाला:देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.