पटना :बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद और गहराता जा रहा है. इस विवाद का असर पूरी तरह से महागठबंधन पर दिख रहा है. तभी तो आरजेडी के तरफ से लालू यादव के बेहद करीबी, पार्टी के कद्दावर नेता और एमएलसी सुनील सिंह ने केके पाठक और नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. माना जा रहा है कि सुनील सिंह को आरजेडी ने मामले पर मुखर होकर बोलने इजाजत दी है. तभी सुनील सिंह मुखर होकर नीतीश कुमार और केके पाठक के खिलाफ बोल रहे हैं.
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'केके पाठक को सीएम हाऊस का सचिव बनाया जाए' : सुनील सिंह ने कहा कि केके पाठक बेहद ईमानदार हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री सचिवालय का प्रधान सचिव बना देना चाहिए. उन्होंने पुरानी बातों को याद करते हुए यह भी कहा कि जब सीएम का किसी मंत्री से विवाद होता है तो, नीतीश कुमार इस तरह के अधिकारी उनके विभाग में भेज देते हैं. चार पांच मंत्रियों को छोड़कर सभी मंत्री अपने अधिकारी से परेशान रहते हैं. कुछ साल पहले तो एक मंत्री फूट-फूटकर रोए थे.
'नीतीश कुमार ऐसे अधिकारियों का करते हैं प्रयोग' :ईटीवी भारत से बात करते हुए एमएलसी सुनील सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ऐसे अधिकारियों को अपने पास रखते हैं और जब किसी विभाग कि मंत्री उनके मन मुताबिक काम नहीं करते हैं तो ऐसे अधिकारियों का प्रयोग करते हैं. जिससे विभाग के मंत्री परेशान हो जाते हैं. पिछली दफा जब शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरित मानस को लेकर बात कही थी इसको लेकर नीतीश कुमार उनसे नाराज थे. उसके बाद ही केके पाठक जैसे अधिकारी को उनके विभाग में डाल दिया गया.
''यदि नीतीश कुमार को लगता है कि केके पाठक अनुशासित और ईमानदार हैं और सभी विभागों में बेहतर काम कर सकते हैं तो, उन्हें मुख्यमंत्री सचिवालय में रखना चाहिए. ताकि वहां से सभी विभागों की मॉनिटरिंग हो सके और सभी विभाग बेहतर तरीके से काम कर सके. केके पाठक इमानदार हैं, अनुशासित रहते हैं उनका फायदा हर विभाग को मिलना चाहिए.''- सुनील सिंह, आरजेडी नेता
'मेरे खिलाफ भी नीतीश कुमार ने सीके अनिल को लगाया था' :आरजेडी नेता सुनील सिंह ने कहा कि जब भी नीतीश कुमार को किसी भी विभाग के मंत्री से विवाद होता है तो, ऐसे अधिकारी वहां सेट किए जाते हैं. मैं बिस्कोमान का अध्यक्ष हूं और आरजेडी-जेडीयू पक्ष-विपक्ष में थी तो, उस समय मेरे खिलाफ सीके अनिल को लगा दिया था. बाद में जब पता चला कि यहां कोई विवाद नहीं है तो सीके अनिल हमारे मित्र हो गए. सीके अनिल भी मानते हैं कि अधिकारियों को वेपन तरह यूज किया जाता है.
इनके एक मंत्री तो फूट-फूटकर रोए थे :सुनील सिंह ने सीके अनिल की तारीफ के पुल भी बांधे लेकिन, सब कुछ तंज में कहा उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के अधिकारी प्रेम से उनके भी मंत्री वंचित नहीं है. कुछ साल पहले उन्हीं के दल के एक मंत्री फूट-फूटकर रोए थे. बाद में नीतीश कुमार ने बीच-बचाव करके मामले को सुलझाया था. सुनील सिंह ने इंटरव्यू में मंत्री का नाम तो नहीं लिया लेकिन यह विवाद बिहार के मंत्री मदन सहनी से जुड़ा हुआ है.
''बिहार इकलौता राज्य नहीं है जहां इस तरह की बात हो रही हो. कई राज्यों के मुख्यमंत्री 2-4 अधिकारी ऐसे रखते हैं. जहां किसी विभाग के मंत्री पर नकेल कसना होता है तो केके पाठक जैसे अधिकारी को वहां तैनात कर देते हैं. इसीलिए रामायण मुद्दे पर जब नीतीश कुमार शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से नाराज हुए तो उन्होंने के के पाठक को विभाग का अपर मुख्य सचिव बना दिया.''- सुनील सिंह, आरजेडी नेता
क्यों बोल रहे हैं सुनील सिंह :आरजेडी कोटे से शिक्षा मंत्री बने चंद्रशेखर लालू यादव के बेहद करीब हैं. यादव वोट बैंक के लिहाज से और मधेपुरा के होने के लिहाज से चंद्रशेखर लालू यादव के लिए काफी अहमियत रखते हैं. ऐसे में जब जदयू के सभी नेताओं ने केके पाठक का पक्ष लिया तो आरजेडी नेता सुनील सिंह ने कुमार नीतीश कुमार और केके पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. जाहिर सी बात है सुनील सिंह बिना लालू यादव और तेजस्वी यादव की इजाजत के एक शब्द भी नहीं बोलते हैं. ऐसे में यदि सुनील सिंह इतना मुखर होकर बोल रहे हैं तो जाहिर सी बात है इसमें आरजेडी और लालू यादव की सहमति होगी.