पटनाःआरजेडी अध्यक्षलालू यादव के बेहद करीबी एमएलसी सुनील सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए एक बार फिर बिहार सरकार के पदाधिकारियों पर हमला बोला है. इशारों ही इशारों में उन्होंने बिहार के अधिकारियों कोो डाकू बताया और उनका नाम दिया है- खड़ग सिंह और अंगुलिमाल डाकू.
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अंगुलिमाल और डाकू खड़ग सिंह है यहां के अधिकारी :सुनील सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट पर बताया है कि मैं बिस्कोमान का अध्यक्ष जरूर हूं लेकिन, मेरी नाक के नीचे जो अधिकारी हैं या फिर बिस्कोमान से जुड़े जो पदाधिकारी हैं, वह डाकू अंगुलिमाल और डाकू खड़ग सिंह हैं. उन्होंने बिहार सरकार पर तंज कसते हुए यह भी लिखा है कि जो मेरी हालत है वही हालत तो कहीं इस प्रदेश की नहीं है!
नेता ने पोस्ट को बताया व्यक्तिगत अभिव्यक्तिः हालांकि उन्होंने पूरी बात नहीं लिखी है और आधा लिखकर उसे ब्लैंक छोड़ दिया है. इसका मतलब यह होता है कि जिसको जो मतलब निकालना है वह निकाल ले. बाद में सुनील सिंह ने यह भी सफाई दी है कि इसे अन्यथा नहीं लिया जाए, यह मेरी व्यक्तिगत अभिव्यक्ति है.
"देखिए मित्रों मैं तो बिस्कोमान के अध्यक्ष के रूप में झूठी ही सही लेकिन ईमानदारी की ख्याति तो प्राप्त कर ही लिया हूं ,परन्तु मेरे नाक के ठीक नीचे और मेरे अगल- बगल में अंगुलिमाल डाकू और डाकू खड्ग सिंह जैसे कुख्यात पदाधिकारी बैठे हैं फिर भी चाहे जो कुछ भी हो, मैं तो ईमानदार हूं न? वही हालत तो कहीं इस प्रदेश के? देखिए मित्रों कृपया इसे अन्यथा नहीं लेंगे. क्योंकि यह मेरी व्यक्तिगत अभिव्यक्ति है."- सुनील सिंह, एमएलसी, आरजेडी
लालू यादव के बेहद करीबी हैं सुनील सिंह:माना जाता है कि सुनील सिंह लालू परिवार के इतने करीबी हैं कि वह पार्टी और सरकार के विषय में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से पूछे बिना एक शब्द नहीं बोल सकते हैं. यही वजह है सुनील सिंह ने जो सोशल मीडिया पर यह बातें लिखी हैं, उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गर्मःयानी की सुनील सिंह का बोलना या फिर सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखना यह सीधे लालू यादव और उनके परिवार के साथ जोड़ता है और यही वजह है कि अब लोग ये मानने लगें हैं कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. सुनील सिंह के इस पोस्ट के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं गर्म हैं.
कौन था अंगुलिमाल खूंखार डाकू? :आपको बता दें कि पुराने मगध में एक अंगुलिमाल नाम का खूंखार डाकू था, जो राहगीरों को रास्ते में लूटता था और उसे मारकर उसकी एक उंगली काटकर माला के रूप में अपने गले में पहन लेता था. इसी कारण लोग उसे 'अंगुलिमाल' कहते थे. एक बार उसकी मुलाकात महात्मा बुद्ध से हो गई और बुद्ध ने उससे कहा कि तुम जिस चीज को जोड़ नहीं सकते उसे तोड़ने का अधिकार कैसे रखते हो, ये सुनकर उसे आत्मग्लानि होने लगी और उसका ह्रदय परिवर्तन हो गया.