नई दिल्ली/पटना:बिहार में स्थिति नियंत्रण में थी, लेकिन कुछ दिनों से राज्य में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. सोमवार को कोरोना के संक्रमण का रिकॉर्ड टूट गया. 24 घंटे में 69 मामले सामने आए. सूबे के 25 जिले इस वायरस से प्रभावित हैं. राज्य में 350 से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हैं और दो लोगों की मौत हुई है. कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर आरजेडी सांसद मनोज झा ने बिहार सरकार पर तीखा हमला बोला है.
मनोज झा का बिहार सरकार पर हमला, बोले- प्रदेश को हक नहीं दिलवा पा रहे हैं नीतीश कुमार
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार के साथ नाइंसाफी कर रही है. नीतीश कुमार बिहार को उसका हक नहीं दिलवा पा रहा हैं.
'केंद्र सरकार बिहार के साथ कर रही है नाइंसाफी'
मनोज झा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि बिहार सरकार बहुत देर से जागी है. बिहार में ट्रैक और टेस्ट का दायरा अभी भी बहुत सीमित है. केंद्र सरकार बिहार के साथ नाइंसाफी कर रही है. नीतीश कुमार बिहार को उसका हक नहीं दिलवा पा रहा है. नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से लाखों में पीपीई किट की मांग की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने हजारों में दिया. बिहार सरकार को मांग करनी चाहिए कि भारी संख्या में वेंटिलेटर, पीपीई किट, टेस्टिंग किट, रैपिड टेस्टिंग किट दिया जाए. राजद भी यही मांग केंद्र सरकार से कर रही है. पूरा मुल्क महामारी की चपेट में है इसलिए बिहार को उसका वाजिब हक मिलना चाहिए. दुख है कि केंद्र सरकार बिहार को खैराती नजरिये से देख रही है.
'छात्रों के साथ भेदभाव कर रही है सरकार'
मनोज झा ने कहा कि लॉकडाउन में कई राज्यों ने दूसरे राज्य में फंसे अपने लोगों को वापस बुला लिया, लेकिन नीतीश कुमार कोटा में फंसे बिहारी छात्रों और दूसरे राज्यों में फंसे बिहारियों को वापस नहीं बुला पाए. नीतीश कुमार कहते हैं कि ऐसा करने से लॉकडाउन का उल्लंघन हो जाएगा. नीतीश से कहना चाहता हूं कि बिहार से बीजेपी के विधायक अनिल सिंह कोटा से अपनी बेटी को ले आए. उनको स्पेशल परमिट दिया गया. क्या यह लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं था. बीजेपी और जेडीयू के कई सांसद दिल्ली से बिहार गाड़ी से आ गए. क्या यह लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं था? मुझे समझ नहीं आ रहा कि गरीब, मजदूरों, छात्रों के साथ नीतीश जी भेदभाव क्यों कर रहे हैं? दोहरा चरित्र राजनीति का दिख रहा था. ऐसा वर्ग विभाजन हमने पहले कभी नहीं देखा था.