बिहार

bihar

ETV Bharat / state

JDU में शामिल होने वाले नेताओं से BJP के लिए बढ़ी मुश्किल, पारंपरिक सीट छोड़ने का दबाव - Pressure on BJP to give up traditional seat

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जेडीयू और बीजेपी में अब खींचातानी शुरू है. जेडीयू दूसरे दलों से नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है. इससे बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ रही है. बीजेपी पर पारंपरिक सीट छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है.

RJD leaders join JDU it has made difficult for BJP
RJD leaders join JDU it has made difficult for BJP

By

Published : Aug 20, 2020, 8:24 AM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन में दल बदल का खेल जारी है. वहीं, एनडीए के अंदर भी जेडीयू और बीजेपी के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचातानी शुरू है. जेडीयू और बीजेपी दोनों दलों के नेताओं की मंशा है कि उन्हें अधिक से अधिक सीट पर जीत हासिल हो. इसके लिए दोनों पार्टी के नेताओं की नजर जीतने वाली सीटों पर ज्यादा है.

जेडीयू दूसरे दलों से नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है. इससे बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ रही है. जेडीयू खेमे में आरजेडी के आधे दर्जन विधायक शामिल हो चुके हैं. नीतीश कुमार ने फिलहाल 3 आरजेडी के विधायकों को पार्टी में शामिल करवा लिया है और 3 शामिल होने वाले हैं. जेडीयू में शामिल नेताओं में पातेपुर विधायक प्रेमा चौधरी ने लोजपा के प्रत्याशी को हराया था. गायघाट विधायक महेश्वर यादव ने भाजपा के विनाश सिंह को हराया था. वहीं, सासाराम से विधायक अशोक कुशवाहा ने बीजेपी के जवाहर कुशवाहा को हराया था. वहीं, जेडीयू में शामिल होने वाले 3 विधायकों में पहला नाम पालीगंज के विधायक जयवर्धन यादव का है. जयवर्धन यादव ने बीजेपी के रामजन्म शर्मा को हराया था. वहीं, विधायक फराज फातमी ने बीजेपी के अशोक यादव को हराया था. विधायक चंद्रिका राय ने लोजपा के छोटे लाल राय को हराया था.

पारंपरिक सीट छोड़ने के लिए बीजेपी पर दबाव
बता दें कि 6 विधानसभा सीटों में 4 ऐसी सीट है, जिस पर पारंपरिक रूप से बीजेपी लंबे समय से चुनाव लड़ती आ रही है और कई बार पार्टी के नेता विधायक बन चुके हैं. वहीं, 2 सीटों पर लोजपा का दावा है. बीजेपी पर पारंपरिक सीट छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. बीजेपी के लिए सासाराम सीट महत्वपूर्ण है. जवाहर प्रसाद 5 बार वहां से विधायक रह चुके हैं लेकिन पिछली बार वो आरजेडी के अशोक कुशवाहा से हार गए थे. इस बार जेडीयू ने अशोक कुशवाहा को अपने पार्टी में शामिल करा लिया है. उसी तरीके से गायघाट से आरजेडी विधायक महेश्वर यादव ने बीजेपी के बीना सिंह को हराया था और अब जदयू की नजर गायघाट सीट पर भी होगी.

संवाददाता रंजीत की रिपोर्ट

शीर्ष नेतृत्व के फैसले का होगा स्वागत
जेडीयू में शामिल होने वाले नेताओं ने चुनाव में सीट मिलने के सवाल पर गोलमटोल जबाव दिया. विधायक प्रेमा चौधरी ने कहा कि मुझे टिकट देने के लिए आश्वासन नहीं मिला है, लेकिन पातेपुर आरक्षित क्षेत्र है और अगर जेडीयू का दावा उस सीट पर बनेगा तो मैं ही चुनाव लडूंगी. वहीं, सासाराम से विधायक अशोक कुशवाहा का कहना है कि हमारी आस्था नीतीश कुमार में है और हम पार्टी के लिए काम करेंगे. सासाराम से चुनाव लड़ने के सवाल पर अशोक कुशवाहा ने कहा कि यह मामला शीर्ष नेतृत्व का है. जो फैसला होगा उसका स्वागत करेंगे.

कुर्बानी देने का कोई सवाल ही नहीं-बीजेपी
बीजेपी नेता नवल किशोर यादव ने सीट बांटवारे और पारंपरिक सीट जाने के मुद्दे पर कहा कि अगर दूसरे दल से नेता हमारे गठबंधन में आते हैं तो गठबंधन मजबूत होगा. जहां तक सवाल टिकट का है तो सिर्फ शीर्ष के नेता इसे तय करेंगे और फिलहाल हमारे लिए कुर्बानी देने का कोई सवाल नहीं है. हम पूर्ण बहुमत से सरकार बना रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details