पटना:यूपी विधानसभा चुनाव 2022(UP Assembly Election 2022) को लेकर जोर आजमाइश तेज हो गई है. वैसे तो देश के 5 राज्यों में विधानसभा का चुनाव हो रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश को लेकर विशेष जंग छिड़ी है. एक तरफ जेडीयू और बीजेपी के बीच सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन पाने के बाद दोनों के अलग-अलग लड़ने की चर्चा है. वहीं, दूसरी तरफ यूपी में समाजवादी पार्टी के समर्थन में अपने उम्मीदवार नहीं देने वाले आरजेडी की ओर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव स्टार कैंपेनर की भूमिका में नजर आने वाले हैं. यूपी के कई विधानसभा क्षेत्रों में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (RJD leader Tejashwi Yadav) की चुनावी सभा होने वाली है. विशेष रूप से पूर्वांचल के इलाके में उनकी लोकप्रियता के भरोसे अखिलेश यादव कई सीटें जीतने की उम्मीद लगा रहे हैं.
ये भी पढ़ें: लालू ने शुरू की 2024 की तैयारी, तेजस्वी-केसीआर की मुलाकात के जरिए क्षेत्रीय दलों को एकजुट करने की कोशिश
तेजस्वी की यूपी चुनाव में डिमांड (Tejashwi Yadav Demand for UP Elections) से राष्ट्रीय जनता दल के नेता भी उत्साहित हैं. पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि 2020 में बिहार विधानसभा में अकेले अपने दम पर बीजेपी और जेडीयू को मात देने वाले तेजस्वी यादव की चुनाव प्रचार में डिमांड कुछ ज्यादा ही है. उन्होंने कहा कि सिर्फ यूपी और बंगाल ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव में भी नेता प्रतिपक्ष को चुनाव प्रचार के लिए बुलाया जा रहा है. यूपी में अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव की जोड़ी बीजेपी का सफाया कर देगी.
यहां यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि देश की राजनीति में एक बड़ा चेहरा होने और कभी किंग मेकर की भूमिका निभाने वाले लालू यादव भी चुनाव प्रचार के लिए इतने डिमांड में नहीं रहे, जितने आज तेजस्वी यादव हैं. इसे लेकर आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लालू खुद बड़े किंग मेकर रहे हैं और लालू खुद स्वीकार करते हैं कि तेजस्वी यादव की आज देश भर में सबसे युवा और तेजतर्रार नेताओं में पहचान हो रही है. उनकी डिमांड भी चुनाव प्रचार के लिए कई जगहों से आ रही है.
देश में आज जिस रफ्तार से तेजस्वी यादव की लोकप्रियता और स्वीकार्यता बढ़ी है, वह सबके सामने है. उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव की जोड़ी बीजेपी का सफाया कर देगी. पांचों राज्यों में उनकी डिमांड है. सभी लोग चाहते हैं कि वो वहां चुनाव प्रचार करने आए हैं. कभी लालू यादव किंग मेकर हुआ करते थे और आज तेजस्वी यादव देश की राजनीति की एक धुरी बन गए हैं. युवाओं में उनका जबरदस्त क्रेज है"- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, राष्ट्रीय जनता दल
ये भी पढ़ें: यूपी विधानसभा चुनाव में होगी लालू के बेटे की एंट्री, अखिलेश यादव के लिए प्रचार करेंगे 'तेज'
अखिलेश यादव के लिए तेजस्वी प्रचार करेंगे (Tejashwi Will Campaign For Akhilesh Yadav), इस बात से भले ही आरजेडी के नेता काफी उत्साहित हों और बड़े-बड़े दावे करते हो लेकिन बीजेपी के नेता उनके दावों पर सवाल खड़ा कर रह रहे हैं. प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह टाइगर ने कहा कि आरजेडी किसी मुगालते में ना रहे कि तेजस्वी को बिहार के बाहर भी कोई जानता है. उत्तर प्रदेश में ना तो आरजेडी की अपनी कोई पहचान है और ना ही तेजस्वी यादव की. यूपी में ना तो उनका संगठन है और ना ही कोई जनाधार है. ऐसे में वे भला समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की क्या मदद कर पाएंगे.
"आरजेडी किसी मुगालते में ना रहे कि तेजस्वी को बिहार के बाहर भी कोई जानता है. उत्तर प्रदेश में ना तो आरजेडी की अपनी कोई पहचान है और ना ही तेजस्वी यादव की. यूपी में ना तो उनका संगठन है और ना ही कोई जनाधार है. ऐसे में वे भला समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की क्या मदद कर पाएंगे"- संजय सिंह टाइगर, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी
ये भी पढ़ें:'योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से चुनाव लड़ेंगे, अखिलेश-मायावती और प्रियंका बताएं कहां से लड़ेंगे इलेक्शन'
हालांकि राजनीतिक विश्लेषक बीजेपी की बातों से इत्तेफाक नहीं रखते. बिहार की सियासत को बेहतर समझने वाले डॉ. संजय कुमार कहते हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले तेजस्वी यादव महागठबंधन के स्टार कैंपेनर थे और एक दिन में कई-कई सभाएं भी की थी. दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्रिमंडल के तमाम बड़े नेता एनडीए के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे लेकिन रिजल्ट सबके सामने है कि किस तरह तेजस्वी यादव की पार्टी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी. उनकी लोकप्रियता को ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में भुनाया और अब अखिलेश यादव भी तेजस्वी की लोकप्रियता के भरोसे यूपी में कुछ सीटें जीतने की उम्मीद लगा रहे हैं तो इसमें कोई संशय नहीं होना चाहिए.
"विधानसभा चुनाव में अकेले तेजस्वी यादव महागठबंधन के स्टार कैंपेनर थे और एक दिन में कई-कई सभाएं भी की थी. दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्रिमंडल के तमाम बड़े नेता एनडीए के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे लेकिन रिजल्ट सबके सामने है कि किस तरह तेजस्वी यादव की पार्टी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी. उनकी लोकप्रियता को ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में भुनाया और अब अखिलेश यादव भी तेजस्वी की लोकप्रियता के भरोसे यूपी में कुछ सीटें जीतने की उम्मीद लगा रहे हैं तो इसमें कोई संशय नहीं होना चाहिए"- डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष के तमाम बड़े चेहरों पर अगर नजर डालें तो लोकप्रिय युवा चेहरों में तेजस्वी यादव प्रमुख नेताओं में से एक हैं. हाल में ही हैदराबाद में उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से मुलाकात कर भी खासी सुर्खियां बटोरी थी और अब यूपी चुनाव में अखिलेश यादव की पार्टी के लिए चुनाव प्रचार के लिए तेजस्वी यादव हाई डिमांड में हैं. आपको बताएं कि यूपी में 7 चरणों में चुनाव होना है. 10 फरवरी को पहले दौर की वोटिंग होगी, जबकि 7 मार्च को आखिरी फेज का मतदान होगा. वहीं, 10 मार्च को परिणामों का ऐलान होगा.
विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP