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तेजस्वी का आरोप- मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश

तेजस्वी ने ट्वीट किया कि मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते हैं अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो नौकरी नहीं मिलेगी. मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे. तेजस्वी के ट्वीट पर जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि लाठी-डंडे से बंद कराना तानाशाही होता है. सरकार ने तो सभी स्थितियों को देखकर फैसला लिया है.

Tejashwi yadav and nitish kumar
तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार

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Published : Feb 3, 2021, 4:01 PM IST

पटना:बिहार सरकार ने आदेश जारी किया है. इसके अनुसार धरना-प्रदर्शन के दौरान आपराधिक कृत्य में शामिल होने वालों को सरकारी नौकरी या सरकारी ठेका नहीं मिला. राज्य सरकार के इस फैसले पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की तुलना तानाशाह हिटलर और मुसोलिनी से की है. अपने ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा " मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते हैं अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो नौकरी नहीं मिलेगी. मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे. बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे हैं?

तेजस्वी की कथनी करनी में है अंतर
तेजस्वी यादव के ट्वीट पर जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि लाठी-डंडे से बंद कराना तानाशाही होता है. सरकार ने तो सभी स्थितियों को देखकर फैसला लिया है. तेजस्वी यादव की कथनी करनी में बहुत अंतर है. सरकार तथ्य, साक्ष्य और परिस्थिती देखकर फैसला लेती है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें-जारी पत्र पर मुख्यालय की सफाई, 'लोकतंत्र में सभी को विरोध-प्रदर्शन करने का हक, पुलिस नहीं लगा सकती रोक'

"जिस तरह की भाषा का प्रयोग तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के लिए करते हैं असल में यह सब उनकी जिंदगी में ही होता दिख रहा है. लाठी डंडे से बंद कराना हो या जबरदस्ती जमीन लिखवा लेना यह सब काम वही लोग करवाते रहे हैं. सरकार डरी नहीं है. लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन उसके लिए नियत स्थान है. सरकार ने बहुत सोच समझकर फैसला लिया है."- निखिल मंडल, जदयू प्रवक्ता

जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल

गौरतलब है कि पिछले दिनों धरना-प्रदर्शन को लेकर तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार से शिक्षक अभ्यर्थियों का साथ दिया था माना जा रहा है उसके बाद ही सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया. अब इस पर सियासत हो रही है. पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.

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