पटनाः राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की मौत के बाद से लगातार राजनीति जारी है. हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने सवाल खड़े किए तो राजद नेता ने जवाब देने में देरी नहीं की. राजद नेता सह शिवहर लोकसभा से पूर्व राजद प्रत्याशी सैयद फैसल अली ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल के वरीय नेता डॉ. शहाबुद्दीन साहब की मौत पर जिस प्रकार से भाजपा-प्रायोजित राजनीति कर रही है, वह घोर निंदनीय है. अगर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शहाबुद्दीन साहब की मौत से दुखी हैं तो नीतीश सरकार से इसकी न्यायिक जांच की अनुशंसा करावें. केवल बयानबाजी न करें.
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सैयद फैसल अली ने मरहूम डॉ. शहाबुद्दीन साहब के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए, उनके इलाज में बरती गई लापरवाहियों पर गंभीर प्रश्न चिन्ह उठाए. साथ ही दिल्ली व केंद्र सरकार से उनके इलाज के दौरान की सभी प्रक्रियाओं एवं बिंदुओं पर न्यायिक जांच की मांग की. उन्होंने विपक्षी पार्टियों एवं नेताओं को भी आड़े हाथों लिया. कहा कि जीतन राम मांझी जैसे वरिष्ठ नेता अगर सही में मरहूम शहाबुद्दीन की मौत के विषय पर गंभीर हैं, तो वे सरकार से अपील करने के बजाए बिहार सरकार से जांच के लिए अनुशंसा करवाकर केंद्र को भेजने का काम करें.
सियासी रोटी ना सेकें
उन्होंने कहा, अगर मांझी ऐसा नहीं करते हैं, तो कम से कम मरहुम की मौत पर सियासी रोटी न सेकें. कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ये बताए कि किस परिस्थिति में एक अंतर्राष्ट्रीय माफिया डॉन छोटा राजन का इलाज देश के सबसे बड़े अस्पताल एआइआइएमएस में होना संभव होता है. लेकिन चार बार सांसद रहे, दो बार के विधायक रहे, राजद के कद्दावर नेता शहाबुद्दीन का इलाज उनके परिजनों एवं उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बावजूद दिल्ली के किसी बड़े अस्पताल में संभव नहीं हो पाया.
लंबे समय तक नहीं हो सकती भरपाई
उन्होंने कहा डॉ. शहाबुद्दीन साहब का निधन धर्म निरपेक्ष समाज विशेष करके राजद परिवार के लिए एक अपूर्णीय क्षति है, जिसकी भरपाई लंबे समय तक नही की जा सकती है. राजद परिवार शहाबुद्दीन साहब के परिवार के साथ खड़ी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तेजस्वी यादव के हस्तक्षेप के बाद उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली के आइटीओ कब्रिस्तान में दफन किया जा सका. इसकी जानकारी जिला मीडिया प्रभारी जावेद अहमद ने दी.
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मांझी ने किया था ट्वीट
हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा, "कितना भी वर्चुअल मीटिंग कर लीजिए, अब सबको पता लग गया है कि बुरे वक्त में आप अपनों का साथ छोड़ देतें हैं. साहब के साथ जो आपने किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. सब याद रखा जाएगा, सब कुछ याद रखा जाएगा."