पटना: एनआरसी के मुद्दे पर पहले प्रशांत किशोर के ट्वीट और उसके बाद चिराग पासवान के बयान से बिहार में भी सियासत तेज है. बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने केंद्र सरकार के रवैए पर सवाल खड़े किए हैं. आरजेडी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. तनवीर हसन ने कहा है कि इस तरह से कोई भी नियम सही नहीं है. पीके ने जो सवाल उठाया है वह सही है.
वहीं, एनआरसी पर चिराग पासवान के समर्थन को डॉ. तनवीर हसन ने गलत बताया. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान अमित शाह की भाषा बोल रहे हैं. सहयोगी दल होने के नाते गलत में भी साथ देना ठीक नहीं है. डॉ. तनवीर हसन ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को बिना सभी दलों की सहमति लिए और बिना बैठक किए इस तरह से ऐलान नहीं करना चाहिए. राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के बिना एनआरसी लागू करना संभव नहीं है. अगर ऐसा होता है तो संविधान की अवमानना होगी.
चिराग पासवान ने एनआरसी को बताया जरूरी
चिराग पासवान ने भी एनआरसी के पक्ष में बयान दिया है. गृह मंत्री अमित शाह के ऐलान के बाद लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि एनआरसी बिहार समेत पूरे देश में लागू करना जरूरी है. यह कदम देशहित में है इसलिए किसी को विरोध नहीं जताना चाहिए.
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पीके के समर्थन में उतरी आरजेडी
आरजेडी ने प्रशांत किशोर के ट्वीट का समर्थन किया है. दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ऐलान के बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर आपत्ति जताई थी. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि, प्रशांत किशोर ने ट्वीट में लिखा कि 'देश के 15 से अधिक राज्यों में गैर-बीजेपी मुख्यमंत्री हैं. ऐसे राज्यों में देश की 55 फीसदी जनता रहती है. क्या ऐसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय ली गई है कि वे अपने राज्यों में इसे लागू करने के लिए तैयार हैं?