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ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की दुर्दशा पर CBI जांच की मांग, RJD ने लगाया घोटाले का आरोप - Bihar Health Sub-center closed

ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की जर्जर हाल पर मुख्य विपक्षी दल राजद ने नीतीश सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. राजद नेता शक्ति सिंह ने इसे सुनियोजित भ्रष्टाचार बताकर सीबीआई(CBI) जांच की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना
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Published : May 27, 2021, 2:07 PM IST

पटना:सूबे की जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में जुटी है. आरजेडी लगातार अपने ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये स्वास्थ्य केंद्र(PHC) और उपस्वास्थ्य केंद्र की खस्ताहाल तस्वीरें पेश कर सरकार पर चौतरफा वार कर रही है. साथ ही घोटालों का आरोप भी लगा रही है.

'राज्य के एक हजार से अधिक पीएचसी और उप पीएचसी लंबे समय से बंद हैं, लेकिन इन स्वास्थ्य केंद्र के भवन निर्माण खर्च और उक्त पीएचसी में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाने वाला रुपया कहां जा रहा है. इसका सरकार को जबाव देना चाहिए. सरकार इन जर्जर अस्पातलों को कागजी तौर पर चलाकर सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार कर रही है. इसे उजागर करने के लिए हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं'.- शक्ति सिंह, राजद नेता

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तेजस्वी लगातार ग्रामीण स्वास्थ्य ढ़ांचे पर साध रहे निशाना
तेजस्वी यादव(TEJSHAWI YADAV) भी लगातार ट्वीट (tweet) कर बदहाल स्वास्थ्य ढ़ांचेपर सरकार को घेर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि 2005 में स्वास्थ्य उपकेंद्र 10337 थे, 2020 में कम क्यों? 2005 में 101 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 2020 में 57 बचे.

सरैया प्रखण्ड के रेफरल अस्पताल की बदहाली
पारू विधानसभा के सरैया प्रखण्ड का रेफरल अस्पताल की बदहाल स्थिति की तस्वीर को दिखाते हुए तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट करते हुए लिखा कि"यह अफ्रीका का जंगल नहीं बल्कि बिहार का स्वास्थ्य केंद्र है. नीतीश जी कहते है डॉक्टर, दवा, उपकरण और स्वास्थ्यकर्मी हम नियुक्त नहीं कर सकते इसलिए 15 वर्ष पूर्व निर्मित स्वास्थ्य उपकेंद्रों और रेफ़रल अस्पताल में स्वतः इतना जंगल उग आए ताकि खंडहरों में ऑक्सिजन की कोई कमी ना रहे".

थावे प्रखंड के इन्द्रवां के स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद
गोपालगंज जिले के थावे प्रखंड के इन्द्रवां गांव स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र की तस्वीर भी बदहाल है. इसकी कुछ तस्वीरों को ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने लिखा कि"गोपालगंज जिले से बिहार सरकार में तीन मंत्री है. स्वास्थ्य मंत्री बगल के जिले से है फिर यहाँ के स्वास्थ्य उपकेंद्रों यह स्थिति है. राजनीतिक विद्वेष के चलते नीतीश सरकार ने यहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था को इतना जर्जर बना दिया है कि जिलावासियों को ईलाज के लिए गोरखपुर जाना पड़ता है."

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सबौर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बदहाल
स्वास्थ्य व्यवस्था का जायजा लेने के लिए जब RJD MLA अशराफ अली साहब सबौर प्रखंड अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ममलखा पहुंचे तो वहां भी उन्होंने घोर अभाव पाया.

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सकरी का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बीमार!
मधुबनी के सकरी का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था को लेकर ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने लिखा कि "मधुबनी जिले में कागजों पर कार्यरत यह (PHC) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. इसकी दशा आप स्वयं देखिए. वर्षों से यह बंद है. इसके संचालन के नाम पर आवंटित फंड कहाँ जाता होगा? नीतीश कुमार के संगठित भ्रष्टाचार के सौजन्य से बिहार में ऐसे हज़ारों स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े है".

कोठिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सपायर्ड मिली दवाइयां
मोरवा विधायक रणविजय साहू के द्वारा ताजपुर प्रखंड के कोठिया पंचायत के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण करने के दौरान प्रभारी समेत अधिकांश स्टाफ़ गायब मिला. गिनी-चुनी दवाएं. तेजस्वी ने ट्वीट में लिखा कि जो दवाएं उपलब्ध भी थी, वो एक्स्पायर्ड थी. स्वास्थ्य उपकरण भी गायब थे. स्वास्थ्यमंत्री और CM को वर्चुअल से अधिक ऐक्चूअल पर ध्यान देना चाहिए

लालू यादव भी साध रहे ट्विटर के जरिये नीतीश पर निशाना
लालू यादव(lalu yadav)ने ट्वीट कर लिखा, "मधुबनी के जनता मालिकों का कहना है कि जिले में ऐसे सैकड़ों स्वास्थ्य केंद्र बंद कराने के लिए नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करना चाहिए".

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