पटना:सूबे की जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में जुटी है. आरजेडी लगातार अपने ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये स्वास्थ्य केंद्र(PHC) और उपस्वास्थ्य केंद्र की खस्ताहाल तस्वीरें पेश कर सरकार पर चौतरफा वार कर रही है. साथ ही घोटालों का आरोप भी लगा रही है.
'राज्य के एक हजार से अधिक पीएचसी और उप पीएचसी लंबे समय से बंद हैं, लेकिन इन स्वास्थ्य केंद्र के भवन निर्माण खर्च और उक्त पीएचसी में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाने वाला रुपया कहां जा रहा है. इसका सरकार को जबाव देना चाहिए. सरकार इन जर्जर अस्पातलों को कागजी तौर पर चलाकर सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार कर रही है. इसे उजागर करने के लिए हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं'.- शक्ति सिंह, राजद नेता
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तेजस्वी लगातार ग्रामीण स्वास्थ्य ढ़ांचे पर साध रहे निशाना
तेजस्वी यादव(TEJSHAWI YADAV) भी लगातार ट्वीट (tweet) कर बदहाल स्वास्थ्य ढ़ांचेपर सरकार को घेर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि 2005 में स्वास्थ्य उपकेंद्र 10337 थे, 2020 में कम क्यों? 2005 में 101 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 2020 में 57 बचे.
सरैया प्रखण्ड के रेफरल अस्पताल की बदहाली
पारू विधानसभा के सरैया प्रखण्ड का रेफरल अस्पताल की बदहाल स्थिति की तस्वीर को दिखाते हुए तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट करते हुए लिखा कि"यह अफ्रीका का जंगल नहीं बल्कि बिहार का स्वास्थ्य केंद्र है. नीतीश जी कहते है डॉक्टर, दवा, उपकरण और स्वास्थ्यकर्मी हम नियुक्त नहीं कर सकते इसलिए 15 वर्ष पूर्व निर्मित स्वास्थ्य उपकेंद्रों और रेफ़रल अस्पताल में स्वतः इतना जंगल उग आए ताकि खंडहरों में ऑक्सिजन की कोई कमी ना रहे".
थावे प्रखंड के इन्द्रवां के स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद
गोपालगंज जिले के थावे प्रखंड के इन्द्रवां गांव स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र की तस्वीर भी बदहाल है. इसकी कुछ तस्वीरों को ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने लिखा कि"गोपालगंज जिले से बिहार सरकार में तीन मंत्री है. स्वास्थ्य मंत्री बगल के जिले से है फिर यहाँ के स्वास्थ्य उपकेंद्रों यह स्थिति है. राजनीतिक विद्वेष के चलते नीतीश सरकार ने यहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था को इतना जर्जर बना दिया है कि जिलावासियों को ईलाज के लिए गोरखपुर जाना पड़ता है."