पटना: पिछले कई दिनों से पार्टी में बगावत का झंडा बुलंद करने वाले राजद नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव भी कार्रवाई के घेरे में हैं. राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने संकेत दिए कि तेज प्रताप का मामला लालू यादव के संज्ञान में है. अनुशासनहीनता को लेकर उन पर कार्रवाई हो सकती है.
राष्ट्रीय जनता दल ने महागठबंधन के तमाम उम्मीदवारों की सूची पहले जारी की थी. इस बीच तेज प्रताप यादव ने जहानाबाद और शिवहर सीट से अपनी पसंद का उम्मीदवार उतारने की मांग पार्टी से की. लेकिन पार्टी ने उनकी मांगों को दरकिनार करते हुए महागठबंधन के पहले से तय प्रत्याशी उतारने का फैसला किया. इधर तेज प्रताप यादव मानने को तैयार नहीं हुए और उन्होंने हाजीपुर, जहानाबाद और शिवहर में निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन करने की घोषणा कर दी और अब तो वे उन सभी निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी कर रहे हैं.
पार्टी में दो कानून
इस बीच मधुबनी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की जिद में वरिष्ठ राजद नेता अली अशरफ फातमी ने वहां से नामांकन कर दिया. इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल ने उन पर कार्रवाई की है. उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. इसके बाद फातमी ने आरोप लगाया कि पार्टी में दो कानून चलता है. तेज प्रताप यादव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया.
हो सकती है कार्रवाई
इस बीच आज पटना में मीडिया से बात करते हुए राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि तेज प्रताप यादव की गतिविधियां लालू यादव के संज्ञान में हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष इस मामले में अनुशासन समिति बनाकर तेज प्रताप यादव पर कार्रवाई कर सकते हैं. अब देखना होगा कि क्या तेज पर कार्रवाई होती है. या उनके स्टैंड पर राजद खामोश रहती है. लेकिन राजद की इस खामोशी से फातमी की बात सच साबित होती नजर आएगी.