पटनाः नए कृषि बिल के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. विपक्ष भी इसमें किसानों का समर्थन कर रहा है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इसे लेकर बयानबाजी का दौर जारी है. रविवार को किसान सम्मेलन के दौरान बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने किसान आंदोलन कर रहे लोगों को दलाल बताया था. इसे लेकर विपक्ष ने उनपर जमकर निशाना साधा है.
"कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह किसान हैं? हमारी जानकारी के अनुसार किसानों से उनका कोई नाता नहीं रहा है. वे बड़े घर में जन्में और शहर में पले बढ़े हैं. बीजेपी की जो मानसिक दिवालियापन है कृषि मंत्री उसका ही परिचय दे रहे हैं."- सुधाकर सिंह, विधायक, आरजेडी
किसानों के नाम पर कार्यकर्ता सम्मेलन कर रही बीजेपी
आरजेडी विधायक ने कहा कि कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह को किसानों से अपने दलाल वाले बयान के लिए माफी मांगनी होगी. ऐसा नहीं होने पर हम लोग सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे. साथ ही बजट सत्र में हम उनसे इस्तीफे की मांग भी करेंगे. बीजेपी देश भर में किसान चौपाल करके किसानों को कृषि कानून के फायदे बता रही है. इसपर तंज कसते हुए सुधाकर सिंह ने कहा कि बीजेपी किसानों के नाम पर कार्यकर्ता सम्मेलन कर रही है.
किसान चौपाल में नहीं शामिल हो रहे एक भी किसान
सुधाकर सिंह ने कहा कि बीजेपी के किसान चौपाल और सम्मेलन में एक भी किसान नहीं जा रहे हैं. पार्टी के सम्मेलन में बस उनके कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं. यह बीजेपी के मानसिक दिवालियापन का परिचायक है. इसके जरिए बीजेपी किसानों को डरा और धमका कर कानून लागू करना चाह रही है. लेकिन जब तक देश में लोकतंत्र बचा हुआ है तब तक यह संभव नहीं है.
कृषि मंत्री का विवादित बयान
बता दें कि बीजेपी बिहार के हर जिला मुख्यालय और विधानसभा स्तर पर सम्मेलन कर रही है. रविवार को किसान सम्मेलन के दौरान कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने विवादित बयान देते हुए आंदोलन कर रहे किसानों को दलाल कहा था. इसके बाद से विपक्ष लगातार उनपर हमलावर है.