पटना : जबसे बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है, तबसे केन्द्रीय जांच एजेंसिंयों को लेकर सियासत गर्म है. नेता भी अलग-अलग तरह से बयाबाजी कर रहे हैं. ऐसे में एजेंसिंयों को बिहार में बिना इजाजत एंट्री ना हो इसे लेकर चर्चे शुरू हो गए हैं. महागठबंधन के घटक दलों की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई.
महागठबंधन में चर्चा के मुद्दे पर भ्रम की स्थिति : आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी (Senior RJD leader Shivanand Tiwari) ने कहा, महागठबंधन के घटक दल के नेताओं के बीच चर्चा हुई है और मेरी भी राय है कि जब 9 राज्यों में सीबीआई को जांच करने की सहमति दी गई थी जो वापस ले ली गई और संविधान में यह अधिकार राज्यों को है तो बिहार में भी यह व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (JDU Parliamentary Board President Upendra Kushwaha) ने कहा है कि महागठबंधन के घटक दलों की बैठक में कुछ इस तरह का फैसला हुआ है, मेरी जानकारी में नहीं है.
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शिवानंद तिवारी सीबीआई को बिहार में प्रवेश पर आपत्ति : हार में सीबीआई को लेकर सियासत शुरू है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने बड़ा बयान दिया है. शिवानंद तिवारी ने कहा है कि सीबीआई जिस प्रकार से महागठबंधन की सरकार बनते ही छापेमारी की है और इसकी आशंका पहले से जताई ही थी. ख्यमंत्री नीतीश कुमार से इससे संबंधित सवाल पूछा गया था,तेजस्वी यादव ने भी खुलकर इस पर बात कही थी.शिवानंद तिवारी ने कहा कि मेरा मानना है कि देश के 9 राज्यों में जिन्होंने सीबीआई को अपने राज्य में जांच करने की सहमति दे रखी थी, बीआई के दुरुपयोग को देखते हुए उन राज्यों ने उसे वापस ले लिया है तो बिहार में भी सीबीआई को छापेमारी की सहमति नहीं देनी चाहिए. हालांकि यह फैसला सरकार के स्तर पर होगा और मेरी राय है कि सरकार को यह फैसला लेना चाहिए.